J&K: एक बार फिर श्रीनगर के आतंकवाद और आतंकी मुक्त होने का पुलिस अधिकारियों का दावा
जम्मू। पुलिस के ताजा दावे के अनुसार अब राजधानी शहर श्रीनगर में मात्र एक आतंकी बचा है और वह भी स्थानीय है जिसे सरेंडर के लिए मनाया जा रहा है या फिर उसे जल्द ही मार गिराया जाएगा। वैसे पिछले 3 सालों में लगातार यह चौथी बार है जबकि श्रीनगर के आतंकवाद मुक्त और आतंकी मुक्त हो जाने की बात की जा रही है।
एक शीर्ष पुलिस अधिकारी के बकौल, श्रीनगर जिले में सिर्फ एक स्थानीय निवासी आतंकी बचा है जिसका नाम मोमिन गुलजार है, जो ईदगाह क्षेत्र का निवासी है। इस अधिकारी का कहना था कि युवाओं को आतंकी रैंकों में शामिल नहीं होने देना जम्मू कश्मीर पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
पुलिस का कहना था कि श्रीनगर जिले में आतंकी घटनाओं में काफी कमी आई है और यह जिला तेजी से घाटी के सबसे शांतिपूर्ण जिलों में से एक बन रहा है। अधिकारियों ने कहा कि इस साल 1 जनवरी 2022 से अब तक केवल 2 छोटी कानून-व्यवस्था की घटनाएं हुईं- एक शंकरपोरा, नौगाम में और दूसरी श्रीनगर के मैसूमा इलाके में। दोनों घटनाएं प्रकृति में मामूली थीं और मिनटों में काबू पा ली गईं। यह इसके विपरीत है, जब 2018 में 200 से अधिक और 2016 में लगभग 400 मामले सामने आए थे।
इतना जरूर था कि राजधानी शहर श्रीनगर के नागरिक सितंबर 2020 को श्रीनगर को आतंकवाद मुक्त की घोषणा के बाद से लेकर अभी तक 3 दर्जन मुठभेड़ों, 40 के करीब हथगोलों के हमलों तथा दर्जनों आतंकवादियों की मौतों को देख चुके हैं। मरने वालों में कई पाकिस्तानी आतंकी भी थे जबकि कई सुरक्षाकर्मियों को शहादत भी देनी पड़ी थी। रोचक तथ्य श्रीनगर को आतंकवाद मुक्त घोषित करने के प्रति यह था कि इसे 2 बार आतंकवाद मुक्त घोषित किया गया था।
राजधानी शहर श्रीनगर में पिछले साल 12 भीषण मुठभेड़ें हुई थीं जिनमें 18 आतंकी मारे गए थे। खबर यह नहीं है कि श्रीनगर में कितनी मुठभेड़ें हुईं और कितने आतंकी मरे, बल्कि खबर यही है कि प्रत्येक मुठभेड़ और आतंकी की मौत के बाद कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर को आतंकी मुक्त घोषित किया है। चिंता का विषय यह भी है कि वर्ष 2020 के मुकाबले श्रीनगर में पिछले साल नागरिकों की हत्याओं में जबर्दस्त उछाल आया था तथा ग्रेनेड हमले भी दोगुने हुए थे।
अगर पुलिस के ही आंकड़ों पर विश्वास करें तो वर्ष 2021 में आतंकियों ने श्रीनगर में 12 से अधिक ग्रेनेड हमले किए, जो वर्ष 2020 के मुकाबले दोगुने थे। हालांकि 2021 में भी 2020 की ही तरह श्रीनगर में 10 ही सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे, पर वर्ष 2020 में 4 नागरिकों को आतंकियों ने मारा था तो वर्ष 2021 में उन्होंने 14 से अधिक नागरिकों को मार डाला था।
आंकड़ों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2021 में 111 से अधिक अभियानों में से 28 श्रीनगर में ही चलाए गए जिनमें से 9 में कामयाबी मिली थी और कुल 210 के करीब आतंकी पूरे प्रदेश में ढेर किए गए। इस कामयाबी को पाने के लिए सुरक्षाबलों को भी 48 सैनिकों को खोना पड़ा है।
Edited by: Ravindra Gupta