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Last Updated :नई दिल्ली , सोमवार, 20 जनवरी 2025 (15:23 IST)

सुप्रीम कोर्ट का JK हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश, वीडियो कॉन्फ्रेंस सुविधा शुरू करें

जम्मू की अदालत में 1989 के रुबैया सईद अपहरण और 1990 के श्रीनगर गोलीबारी मामलों की सुनवाई हो रही है जिसमें जेल में बंद जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक और अन्य आरोपी हैं

सुप्रीम कोर्ट का JK हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश, वीडियो कॉन्फ्रेंस सुविधा शुरू करें - Supreme Court directs JK High Court Registrar General to start video conference facility
Yasin Malik case: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि वह जम्मू में एक विशेष अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंस (video conference) की उचित सुविधा सुनिश्चित करें। जम्मू की इस अदालत में 1989 के रुबैया सईद अपहरण और 1990 के श्रीनगर गोलीबारी मामलों की सुनवाई हो रही है जिसमें जेल में बंद जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक और अन्य आरोपी हैं।
 
तिहाड़ जेल में भी उचित वीडियो कॉन्फ्रेंस सुविधा का निर्देश : शीर्ष अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को तिहाड़ जेल में भी उचित वीडियो कॉन्फ्रेंस सुविधा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, जहां मलिक आतंकवाद वित्तपोषण के एक अन्य मामले में बंद है। पीठ ने दोनों उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रारों को 18 फरवरी को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर सुनवाई 21 फरवरी को करना तय किया है।
 
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ सीबीआई की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें 1989 के रुबैया सईद अपहरण और 1990 के श्रीनगर गोलीबारी मामलों की सुनवाई जम्मू से दिल्ली स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है ताकि मलिक को वहां की विशेष अदालत में ले जाने की जरूरत न पड़े।
 
शीर्ष अदालत ने पिछले वर्ष 18 दिसंबर को 6 आरोपियों को मामलों की सुनवाई स्थानांतरित करने संबंधी सीबीआई की याचिका पर जवाब देने के लिए 2 सप्ताह का समय दिया था। एक मामला 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर में भारतीय वायु सेना के चार कर्मियों की हत्या से जुड़ा है वहीं दूसरा मामला 8 दिसंबर, 1989 को तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण से संबंधित है। प्रतिबंधित संगठन जेकेएलएफ का प्रमुख मलिक दोनों मामलों में मुकदमों का सामना कर रहा है।
 
शीर्ष अदालत जम्मू की एक निचली अदालत के 20 सितंबर 2022 के आदेश के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। आदेश में तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे मलिक को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया गया था।
 
सीबीआई ने कहा कि मलिक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है और उसे तिहाड़ जेल परिसर से बाहर ले जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। मई, 2023 में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत द्वारा आतंकवाद वित्त पोषण के एक मामले में सजा सुनाए जाने के बाद से मलिक तिहाड़ जेल में बंद है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta