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Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Updated :जम्‍मू , शुक्रवार, 20 अक्टूबर 2023 (11:01 IST)

सूखे के बाद बारिश ने जान फूंकी है केसर की फसल में

सूखे के बाद बारिश ने जान फूंकी है केसर की फसल में - Saffron crop came to life due to rain
saffron crop: चाहे कश्‍मीर (Kashmir) में एक लंबे सूखे के दौर के बाद हुई बारिशों (rains) ने अन्‍य फसलों को क्षति पहुंचाई हो या फिर लोगों की मुसीबत को बढ़ाया हो, पर सितंबर और अक्टूबर में समय पर हुई बारिश से इस साल केसर (Saffron) की बंपर फसल (bumper crop) होने की उम्मीद जगा दी है।
 
जानकारी के लिए केसर की फसल अपने फूलने के चरण के करीब है और इस सप्ताह घाटी में हुई प्रचुर बारिश ने पंपोर और बडगाम में केसर के खेत को सिंचित कर दिया है। अब उत्पादकों को उम्मीद है कि इस साल समय पर बारिश होने से केसर का उत्पादन कई गुना बढ़ जाएगा।
 
केसर की फसल के लिए प्रचुर बारिश : केसर ग्रोअर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल मजीद वानी कहते थे कि इस साल घाटी में लंबे समय तक शुष्क मौसम रहा। सौभाग्य से इस सप्ताह हमें प्रचुर बारिश हुई, जो केसर की फसल के लिए बहुत जरूरी थी। हमें इस साल अच्छी फसल की उम्मीद है। 
उन्होंने कहा कि इस सीजन में फसलें बेहतर हैं, जो इस साल बंपर फसल का संकेत देता है।
 
वानी कहते थे कि 24 अक्टूबर के बाद केसर का फूल आना शुरू हो जाएगा। बारिश के कारण फूल आने में देरी हुई। फिर भी फसल स्वस्थ दिख रही है और हम इस साल अपने अनुमानित उत्पादन को जानने के लिए केसर के फूल आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
 
केसर का कुल उत्पादन 16.34 मीट्रिक टन : आपको बता दें कि पिछले साल केसर का कुल उत्पादन 16.34 मीट्रिक टन था, जो पिछले 27 वर्षों में इस फसल का सबसे अधिक उत्पादन था जबकि वर्ष 2021 में केसर का उत्पादन 15.04 मीट्रिक टन दर्ज किया गया जबकि वर्ष 2022 में प्रति हैक्टेयर उत्पादन 4.4 किलोग्राम दर्ज किया गया।
 
केसर की इंडोर खेती : केसर के उत्‍पादक किसान कहते थे कि जीआई टैग के बाद उन्होंने फसल से बेहतर रिटर्न पाने के लिए अपनी खेती के तरीकों को उन्नत किया है। एक अन्‍य केसर उत्पादक बशीर अहमद कहते थे कि अब इसमें केसर की इंडोर खेती शामिल है, जो फसल खराब होने की कम से कम संभावना के साथ बेहतर उपज देती है। इसी तरह किसानों ने खरपतवार और कृंतक नियंत्रण के लिए एक तंत्र स्थापित किया है जिससे प्रति हैक्टेयर उत्पादन बढ़ता है।
 
इस बीच अब अधिक से अधिक किसान केसर की इंडोर खेती की कोशिश कर रहे हैं जिसे 2021 में शेरे कश्‍मीर यूनिवर्सिटी द्वारा पेश किया गया था। अहमद कहते थे कि आने वाले वर्षों में हम देखेंगे कि अधिक किसान अपने केसर उत्पादन को बढ़ाने के लिए इस नवीन पद्धति को आजमाएंगे।
 
कश्मीरी केसर को जीआई टैग :  प्रासंगिक रूप से वैश्विक मानचित्र पर घाटी की विरासत फसल को बढ़ावा देने के लिए जुलाई 2020 में कश्मीरी केसर को जीआई टैग (GI tag to Kashmiri saffron) दिया गया था। इस साल राज्य सरकार अपनी नई निर्यात नीति के साथ केसर उत्पादन को और बढ़ावा देने पर विचार कर रही है। सरकार ने 60 देशों को शॉर्टलिस्ट किया है, जहां केसर का निर्यात किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि अब तक दुबई, अमेरिका और इसराइल कश्मीर केसर के सबसे बड़े खरीदारों में से कुछ हैं।
 
Edited by: Ravindra Gupta