जम्मू सीमा पर पाक घुसपैठिया ढेर, 5 महीनों में 8 घुसपैठिए मारे गए, 11 गिरफ्तार
Jammu Kashmir News : पाकिस्तान से सटी जम्मू कश्मीर की 814 किमी लंबी एलओसी और 264 किमी लंबे इंटरनेशनल बार्डर पर घुसपैठ के प्रयासों में बिजली सी तेजी आ गई है। बढ़ते घुसपैठ के प्रयासों ने रक्षाधिकारियों को चिंता में डाल दिया है। आज भी जम्मू सीमा पर एक घुसपैठिए को ढेर कर दिया गया।
पिछले 5 महीनों में ऐसे 8 घुसपैठियों को जन्नत का रास्ता दिखाया गया है। इस साल प्रथम जनवरी से लेकर आज तक मारे गए घुसपैठियों में से सिर्फ दो ही इंटरनेशनल बार्डर पर मारे गए तो एलओसी पर मरने वाले 6 घुसपैठियों में एक महिला भी थी। फिलहाल आज तक उसकी पहचान नहीं हो पाई है।
मई महीने में सबसे अधिक घुसपैठ के प्रयास हुए हैं। 5 ऐसे प्रयासों को नाकाम बनाते हुए 4 को तो मार गिराया गया जबकि चार को पकड़ लिया गया। इनमें आतंकी भी थे और नशीले पदार्थों के तस्कर भी। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि 16 मई को बारामुल्ला के कमालकोट में मारी जाने वाली महिला घुसपैठिया आतंकी थी या फिर तस्कर।
हालांकि शंका यह भी है कि उस पार से भटक कर इस ओर आने वाली भी हो सकती है क्योंकि अक्सर पाक कब्जे वाले कश्मीर के लोग सुनहरे सपनों को लेकर इस कश्मीर या फिर मायानगरी मुंबई तक जाने के लिए भारत में प्रवेश करने के लिए एलओसी को सबसे आसान रास्ता मानते हैं। अतीत में ऐसी अनेकों घटनाएं हो चुकी हैं।
दरअसल 24 अप्रैल को भी ऐसा ही हुआ था जब एक बाप बेटे को एलओसी पार करने के जुर्म में पकड़ा गया था तो वे सुनहरे सपने लेकर इस ओर आ गए थे। बाद में उन्हें पाक सैनिकों के हवाले कर दिया गया था।
जमीन से घुसपैठ करने वालों से सुरक्षाबल तो एलओसी और इंटरनेशनल बार्डर पर जूझ ही रहे हैं अब उन्हें आसमान से होने वाली घुसपैठ के साथ भी जूझना पड़ रहा है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इन 5 महीनों में इंटरनेशल बार्डर और एलओसी पर 50 से 60 कोशिशें उन ड्रोनों की घुसपैठ की भी हुई हैं जिन्हें पाक सेना ने इस ओर हथियार और मादक पदार्थ लेकर भेजा था। कुछेक ही अपने मिशन में कामयाब हो पाए थे और बाकी को सतर्क भारतीय सेना के जवानों ने मार भगाया था।