Whatsapp ने माना RBI का सुझाव, भारत में ही रहेगा पेमेंट सर्विस प्रयोग करने वालों का डेटा
दुनिया की सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग सेवा एप Whatsapp ने मंगलवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशा-निर्देशों के हिसाब से उसने देश के भीतर ही भुगतान संबंधी डाटा रखने की प्रणाली स्थापित की है।
आरबीआई ने 6 अप्रैल को अपने परिपत्र में भुगतान सेवा देने वाले सभी परिचालकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि भुगतान संबंधी सभी आंकड़ों का संग्रहण उन्हें केवल भारत में ही स्थापित एक प्रणाली में करना होगा। रिजर्व बैंक ने ऐसा करने के लिए कंपनियों को 15 अक्टूबर तक की मोहलत दी थी।
Whatsapp के प्रवक्ता ने कहा कि भारत में करीब 10 लाख लोग सुरक्षित और साधारण तरीके से एक-दूसरे को पैसा भेजने के लिए व्हाट्सएप की भुगतान सेवा का प्रायोगिक उपयोग कर रहे हैं। रिजर्व बैंक के डाटा संग्रहण संबंधी परिपत्र के अनुपालन के लिए हमने एक प्रणाली स्थापित की है जो भुगतान संबंधी सभी आंकड़ों का भारत में ही स्थानीय तौर पर संग्रहण करेगी।
उन्होंने कहा कि जल्द ही इस सेवा को देशभर में शुरू किए जाने की योजना है, ताकि यह देश के ‘वित्तीय समावेश लक्ष्यों’ को पूरा करने में अपना योगदान कर सके। अप्रैल में अपने आदेश में रिजर्व बैंक ने कहा था कि भुगतान सेवा परिचालकों की बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि इन आंकड़ों तक अनौपचारिक निगरानी पहुंच हो।
साथ ही यह पहुंच भुगतान सेवा से जुड़े सेवा प्रदाताओं, बिचौलियों और तीसरे पक्ष के सेवा प्रदाताओं के आंकड़ों तक भी हो। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि इन आंकड़ों में भुगतान के शुरू से लेकर आखिर तक के लेन-देन की पूरी जानकारी रखना होगी।