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Last Modified: सोमवार, 19 जुलाई 2021 (12:25 IST)

Pegasus से क्या WhatsApp भी किया जा सकता है हैक?

Pegasus से क्या WhatsApp भी किया जा सकता है हैक? - Can WhatsApp also be hacked with Pegasus
Pegasus spyware की एक बार फिर सुर्खियों में है। इस स्पाईवेयर को भारतीयों की जासूसी के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है। इसे इजराइली स्पाईवेयर बनाने वाले NSO ग्रुप ने बनाया है। Pegasus स्पाईवेयर पर करीब 20 देश के पत्रकारों, एक्टिविस्ट, कानून के जानकरों और सरकारी अधिकारियों की जासूसी का आरोप है। इस लिस्ट में भारत भी शामिल है। हालांकि भारत सरकार ने इसे भ्रामक और तथ्यहीन बनाया है। कंपनी ने भी इससे इंकार किया है। 
 
यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो की Citizen लैब की रिपोर्ट के अनुसार Pegasus स्पाईवेयर WhatsApp हैकिंग के लिए भी जिम्मेदार है। Pegasus स्पाईवेयर को Q Suite और Trident से भी जाना जाता है। 
 
यह एंड्राइड के साथ iOS डिवाइस पर हमला कर सकता है। इसे WhatsApp कॉल और मिस्ड कॉल के जरिए भी इंस्टॉल किया जा सकता है। Pegasus स्पाईवेयर फोन के पासवर्ड, कॉन्टैक्ट, टेक्स्ट मैसेज, कैलेंडर डिटेल की चोरी के लिए जिम्मेदार है। साथ ही वॉइस कॉल और मैसेज को भी ट्रैक कर सकता है। इसके अलावा स्मार्टफोन के कैमरे, जीपीएस और माइक्रोफोन को भी यह सॉफ्टवेयर कंट्रोल कर सकता है।
क्या है Pegasus ? :  एक स्पाईवेयर सॉफ्टवेयर है। इससे किसी की भी जासूसी की जा सकती है। यह जासूसी की दुनिया में बड़ा नाम है। इस सॉफ्टवेयर को इजराइल की सुरक्षा कंपनी एनएसओ (NSO) द्वारा तैयार किया गया। कंपनी का कहना है कि इससे अपराधियों की जासूसी की जाती है। पेगासस एक मैलवेयर है जो आईफोन और एंड्रॉइड डिवाइस को हैक कर लेता है।

पेगासस स्पाइवेयर के जरिए हैकर को स्मार्टफोन के माइक्रोफोन, कैमरा, मैसेज, ई-मेल, पासवर्ड, और लोकेशन जैसे डेटा का एक्सेस मिल जाता है। पेगासस आपको एन्क्रिप्टेड ऑडियो स्ट्रीम सुनने और एन्क्रिप्टेड मैसेज को पढ़ने की अनुमति देता है। इससे हैकर के पास आपके फोन की लगभग सभी फीचर तक पहुंच होती है। इस सॉफ्टवेयर से फोन के माइक को गुप्त रूप से एक्टिव किया जा सकता है।
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