दुनिया का सबसे ताकतवर जासूसी सॉफ्टवेयर, आखिर क्या है ये Pegasus विवाद?
पेगासस स्पाईवेयर से जुड़े खुलासों ने प्राइवेसी को लेकर दुनियाभर के यूजर्स की चिंता बढ़ा दी है। सबसे बड़ा चिंता का विषय यह है कि पेगासस पुराने तरीकों का इस्तेमाल नहीं करता। यह 'जीरो क्लीक' अटैक करता हैं जिसमें फोन चलाने वाले को कुछ भी करने की जरूरत नहीं पड़ती। पेगासस दुनिया का सबसे ताकतवर स्पाईवयर है, इसका पता लगा पाना बेहद ही मुश्किल या फिर यूं कहें नामुमकिन है। आइए जानते हैं कि यह सॉफ्टवेयर आखिर कैसे काम करना है और क्या इससे बचने का कोई तरीका है भी या नहीं।
क्या है पेगासस और किसने बनाया? : पेगासस को इजरायली निगरानी फर्म एनएसओ (NSO) ने बनाया है और इसका इस्तेमाल आईफोन और एंड्राइड फोन में सेंध लगाने के लिए करते हैं। स्पाईवेयर ने आतंकवादियों को ट्रैक करने के लिए इसको डिजाइन किया था। अब सभी के मन में यह सवाल जरुर आएगा कि पेगासस आपके फोन की डिवाइस में कैसे घुस सकता है। आपकी व्यक्तिगत जानकारी ले सकता है?
इसलिए है खतरनाक : पेगासस अपने टारगेट के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है, सिका अंदाजा इस बात से लगाएं कि उसके फोन पर यूजर ने ज्यादा एक्सेस पेगासस के पास होता है। बर्लिन में सिक्योरिटी लैब चलाने वाले क्लाॉडियो के अनुसार, यह स्पाईवेयर 'रूट लेवल प्रिविलेजेस' हासिल कर लेता है। यानी कि पेगासस आपके फोन की हर गतिविधि मॉनिटर कर सकता है। पेगासस स्पाइवेयर के जरिए हैकर को स्मार्टफोन के माइक्रोफोन, कैमरा, मैसेज, ई-मेल, पासवर्ड, और लोकेशन जैसे डेटा का एक्सेस मिल जाता है।
क्या कहना है कंपनी का : पेगासस बनाने वाली कंपनी NSO ग्रुप का कहना है कि वह किसी निजी कंपनी को यह सॉफ्टवेयर नहीं बेचती है, बल्कि इसे केवल सरकारों को ही सप्लाई किया जाता है। ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि क्या सरकार ने ही भारतीय पत्रकारों की जासूसी कराई? कंपनी ने कहा कि सभी आरोपों को गलत और भ्रामक बताया है। कंपनी ने कहा कि वह गार्जियन अखबार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।