गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. Tarek Fateh, liberal face of Islam pasess away
Written By
Last Updated : सोमवार, 24 अप्रैल 2023 (20:15 IST)

इस्लाम के उदार चेहरे तारेक फतह का निधन, बेटी ने कहा- हिन्दुस्तान का बेटा

Tarek Fatah
Tarek Fateh passed away away: पाकिस्तानी मूल के प्रसिद्ध लेखक और कनाडाई नागरिक तारेक फतेह का सोमवार को 73 साल की उम्र में निधन हो गया। उनकी बेटी तनाशा फतेह ने कहा कि कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद फतेह का निधन हो गया। हालांकि इससे पहले शुक्रवार को भी उनके निधन की खबर फैल गई थी। 
 
बेटी नताशा ने ट्‍वीट कर लिखा- पंजाब के शेर, हिन्दुस्तान के बेटे, कनाडा को प्यार करने वाले, सत्य बोलने वाले, न्याय के लिए लड़ने वाले, दलितों और शोषितों की आवाज तारेक फतेह नहीं रहे। नताशा ने ट्‍वीट में लिखा कि उनकी क्रांति उन सभी के साथ जारी रहेगी, जो उन्हें जानते हैं और उन्हें प्यार करते हैं। 
नताशा ने एक अन्य ट्‍वीट में लिखा था- मैं अपने पिता के साथ रविवार की सुबह का आनंद ले रही हूं। पुराने बॉलीवुड फिल्मों के गाने सुन  रही हूं। मैं भारत माता के प्रति हमारे साझा प्रेम के लिए नारंग रंग की पोशाक पहन रही हूं। 
तारेक फतेह को कट्‍टरपंथी इस्लाम के इतर उदारवादी चेहरे के रूप में जाना जाता था। फतह का जन्म 20 नवंबर 1949 के दिन पाकिस्तान के कराची में हुआ था। 1987 में वे कनाडा चले गए। कनाडा समेत दुनिया की प‍त्र-पत्रिकाओं में उनके आलेख छपे रहे। उन्हें रिपोर्टिंग के लिए कई पुरस्कार भी मिल चुके थे।

वे हमेशा से ही पाकिस्तान की गलत बातों के कट्‍टर आलोचक रहे। पाक  सेना और कट्टरपंथियों के खिलाफ वे हमेशा ही खुलकर बोलते थे। 1977 में तारेक फतह पर देशद्रोह का आरोप भी लगा था। कट्‍टर इस्लाम के खिलाफ बोलने के कारण उन पर कई बार हमले भी हुए। उन्हें अरबी भाषा भी आती थी। 

जब फतेह ने वेबदुनिया से कहा था : एक बार इंदौर प्रवास के दौरान वेबदुनिया से बातचीत करते हुए तारेक फतह ने कहा था कि कुरान नाजिल होने से पहले प्रोफेट मोहम्मद के साथी मुसलमान हो चुके थे। तब न हज था, न नमाज थी, न ही रोजा था और न जकात और जिहाद था। मुस्लिमों की केवल एक ही बात है कि वह अल्लाह के सिवाय किसी के सामने अपना सिर नहीं झुकाएगा।
 
कुरान में लिखा है- मैंने (अल्लाह ने) तुम्हें (प्रोफेट) को लीडर बनने के लिए नहीं भेजा, तुम सिर्फ मैसेंजर हो। फतह ने कहा- दुनिया में दो ही तरह का इस्लाम है। एक अल्लाह का इस्लाम और दूसरा मुल्ला का इस्लाम। मौलवियों ने जहां सबसे ज्यादा इस्लाम का ठेका लिया है वह हिन्दुस्तान है। पाकिस्तान में भी एक मौलवी का तोड़ दूसरा मौलवी होता है।
 
भारत में नाम बदलने की बात का समर्थन करते हुए फतह ने कहा था- जिसने काशी का मंदिर तोड़ा था, उसके नाम पर लोधी गार्डन है। जिसने आपको लूटा, तबाह किया उसके नाम पर आप चीजों के नाम रखते हैं। आक्रमणकारियों के नाम बदलने में क्या बुराई है। जब आप खुद का ही सम्मान नहीं करेंगे तो दूसरा आपको क्यों सम्मान देगा?