गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. Russia-China showed power to the Quad
Written By Author राम यादव

रूस-चीन ने क्वाड को दिखाई ताकत, भारत की चिंता भी बढ़ेगी

रूस-चीन ने क्वाड को दिखाई ताकत, भारत की चिंता भी बढ़ेगी - Russia-China showed power to the Quad
जापान में क्वाड देशों के शिखर सम्मेलन के दैरान रूस और चीन के वायुसैनिक विमानों ने मिलकर, जापान और दक्षिण कोरिया की हवाई सीमा के पास से उड़ते हुए शक्ति प्रदर्शन किया।
 
हिंद-प्रशांत क्षेत्र के जलमार्गों को सबके लिए खुला रखने के समर्थक चार देशों- अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के टोक्यो में हुए शिखर सम्मेलन के समय, मंगलवार को एक ऐसी घटना हुई, जिसकी किसी ने अपेक्षा नहीं की थी। रूसी और चीनी वायुसेना के विमान अपनी कथित साझी 'गश्ती उड़ानों' के दौरान, जापानी हवाई क्षेत्र के बिल्कुल पास आ गए और कुछ देर के लिए दक्षिण कोरिया के 'हवाई रक्षा पहचान क्षेत्र' में घुस भी गए। इन दोनों देशों ने इस पर तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की है। 
 
रूस और चीन ने स्वयं भी कहा कि उन्होंने एक साझे युद्धाभ्यास के अंतर्गत 'एशिया-प्रशांत' क्षेत्र में संयुक्त गश्ती उड़ानें आयोजित की हैं। रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ये उड़ानें 13 घंटों तक चलीं। इस दौरान जापान सागर और पूर्वी चीन सागर के ऊपर से उड़ानें भरी गईं। इन उड़ानों में रूस और चीन, दोनों देशों के सामरिक बमवर्षक भी शामिल हुए। 
 
जापानी रक्षामंत्री नोबूओ किशी ने मीडिया को बताया कि उनकी सरकार ने रूस और चीन से कड़े शब्दों में कहा है कि एक ऐसे समय में जब अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के शीर्ष नेता क्षेत्रीय सुरक्षा संबंधी वार्ताओं के लिए यहां हैं, इस प्रकार की घटना का होना 'बहुत ही चिंताजनक' मामला है। जापानी रक्षामंत्री ने कहा कि जापानी वायुसीमा का उल्लंघन तो नहीं हुआ है, पर पिछले नवंबर महीने के बाद से यह चौथी बार है, कि रूस और चीन के लंबी दूरी के युद्धक विमानों को हमारी सीमा के इतना पास देखा गया है।
 
जापानी रक्षामंत्री का कहना था कि दो चीनी बमवर्षक और दो रूसी बमवर्षक जापान सागर के ऊपर मिले और पूर्वी चीन सागर की ओर जाते दिखे। इसके बाद दो संभवतः नए चीनी बमवर्षक दोनों रूसी बमवर्षकों के साथ मिलकर पूर्वी चीन सागर से प्रशांत महासगर की ओर बढ़ गए। रूसी जासूसी विमान जापान के उत्तरी होक्काइदो द्वीप के पास से उड़ते हुए मध्य जापान की तरफ भी गए। क्वाड नेताओं ने एक साझे वक्तव्य में रूस या चीन का नाम लिए बिना चेतावनी दी कि 'किसी बलप्रयोग द्वारा यथास्थिति को बदलने' का प्रयास नहीं होना चाहिए। 
 
रूसी और चीनी युद्धक विमानों का जापान की सीमा के बिल्कुल पास से उड़ना या कभी-कभी उसकी हवाई सीमा का उल्लंघन भी करना कोई नई बात नहीं है। 2021 से लेकर मार्च 2022 तक एक हज़ार से अधिक बार जापान के युद्धक विमानों को हवा में जाकर उन्हें दूर भगाना पड़ा है। यही सिरदर्द दक्षिण कोरिया के लिए चीनी विमान बन गए हैं। चीन तो पूरे पूर्वी और दक्षिणी चीन सागर को अपना मानता है। वहां रेत और मिट्टी डाल कर नए-नए द्वीप और उन पर हवाई पट्टियां भी बना रहा है। रूस और चीन यदि किसी को उकसाना नहीं चाहते थे, तो अपने युद्धाभ्यास को एक दिन के लिए टाल भी सकते थे या अपने विमानों को जापान और दक्षिण कोरिया की हवाई सीमाओं से थोड़ा परे रख सकते थे।
 
इसीलिए टोक्यो में क्वाड शिखर सम्मेलन के ऐन मौके पर रूसी और चीनी सामरिक बमवर्षकों का मिलकर 13 घंटों तक शक्ति प्रदर्शन करना कोई साधारण बात नहीं है। इसका यह अर्थ लगाया जाना स्वाभाविक है कि रूस और चीन क्वाड के सदस्य देशों को उकसाना और अपनी ताक़त दिखाना चाहते थे। इस शक्ति प्रदर्शन से इस संदेह को भी बल मिलता है कि यूक्रेन में तीन महीनों से युद्ध चला रहे रूस और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में लंबे समय से पैर पसार रहे चीन के बीच कोई मिलीभगत है। भारत के लिए सबसे चिंता का विषय यह है कि चीन के साथ रूस की बढ़ती हुई निकटता, भारत के साथ उसकी दूरी का बढ़ने का कभी न कभी करण बने बिना नहीं रहेगी। (इस लेख में व्यक्त विचार/विश्लेषण लेखक के निजी है। वेबदुनिया का इससे सहमत होना जरूरी नहीं है)
 
ये भी पढ़ें
क्या तीन देशों के सहयोग से भारत बनेगा एशिया का सिरमौर? QUAD समिट से हो सकते है ये बड़े फायदे