यूएई में मिला मंकीपॉक्स का पहला मरीज
अबू धाबी। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पहला खाड़ी देश बन गया है, जहां मंकीपॉक्स का मामला सामने आया है। ब्रिटेन, स्पेन, इसराइल, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया सहित 10 से ज्यादा देशों में मंकीपॉक्स के मामले दर्ज किए हैं।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने घोषणा की कि उन्होंने एक यात्री में मंकीपॉक्स मामले का पता लगाया है, जो हाल ही में पश्चिम अफ्रीका का दौरा किया था। हालांकि उनका इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी प्रकोप से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि मामलों की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन सामान्य आबादी के लिए जोखिम कम है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी हाल में एक बयान में कहा था कि मंकीपॉक्स वायरस को रोकने के लिए सामूहिक टीकाकरण की आवश्यकता नहीं है, बल्कि साफ-सफाई का पर्याप्त ध्यान रखकर ही इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
इस तरह फैलता है मंकीपॉक्स : मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, ठंड लगने, चेहरे या जननांगों पर दाने और घाव का कारण बनता है। यह किसी संक्रमित व्यक्ति या उसके कपड़ों या चादरों के संपर्क के माध्यम से फैल सकता है, लेकिन अभी तक यौन जनित संक्रमण का दस्तावेजीकरण नहीं किया गया है। अधिकतर लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती और कुछ हफ्तों के भीतर बीमारी से ठीक हो जाते हैं। चेचक के खिलाफ टीके, मंकीपॉक्स को रोकने में भी प्रभावी हैं और कुछ एंटीवायरल दवाएं विकसित की जा रही हैं।
कुछ वैज्ञानिकों ने कहा है कि यह अभी पुष्टि कर पाना मुश्किल है कि यौन संपर्क की वजह से हाल में यूरोप में मंकीपॉक्स का प्रसार हुआ। इंपीरियल कॉलेज लंदन के विषाणु विज्ञानी माइक स्किनर ने कहा कि यौन गतिविधि में अंतरंग संपर्क शामिल होता है, जिससे प्रसार के बढ़ने की आशंका होती है, लेकिन इसमें किसी व्यक्ति के यौन रुझान और संचरण के माध्यम का पता नहीं लगता।