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Last Updated :बैंकॉक , शुक्रवार, 4 अप्रैल 2025 (12:42 IST)

पीएम मोदी ने की म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रमुख से मुलाकात, कहा- मदद को तैयार हैं

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत भूकंप प्रभावित म्यांमार को हरसंभव सहायता प्रदान करने का प्रयास कर रहा है। म्यांमार में आए भीषण भूकंप में अब तक हजारों लोगों की जान चली गई है।

Narendra Modi
Modi meets General Min Aung Hlaing: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रमुख वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग (General Min Aung Hlaing) से मुलाकात की और कहा कि भारत भूकंप प्रभावित म्यांमार को हरसंभव सहायता प्रदान करने का प्रयास कर रहा है। म्यांमार में आए भीषण भूकंप में अब तक हजारों लोगों की जान चली गई है।
 
प्रधानमंत्री मोदी ने बिम्सटेक (बहुक्षेत्रीय और तकनीकी सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) के नेताओं की शिखर बैठक से इतर म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रमुख से मुलाकात की। बिम्सटेक एक क्षेत्रीय पहल है जिसमें भारत के पड़ोसी देश थाईलैंड, म्यांमार, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और श्रीलंका शामिल हैं।ALSO READ: BIMSTEC : शिनावात्रा के रात्रिभोज में PM मोदी के बगल में बैठे बांग्लादेश के कार्यवाहक यूनुस, जानें क्या हुई बात
 
मोदी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा कि बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से मुलाकात की। हाल में आए भूकंप के कारण हुई जान-माल की हानि पर एक बार फिर संवेदना व्यक्त की। भारत इस कठिन समय में म्यांमार के अपने भाइयों और बहनों की सहायता के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।
 
फरवरी 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद सत्ता में आए सीनियर जनरल मिन के साथ यह प्रधानमंत्री की पहली बातचीत थी। उन्होंने कहा, हमने भारत और म्यांमार के बीच द्विपक्षीय संबंधों, विशेषकर 'कनेक्टिविटी', क्षमता निर्माण, बुनियादी ढांचा विकास आदि क्षेत्रों पर भी चर्चा की। सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ जनरल ने राहत सहायता के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।ALSO READ: संसद में पास हुआ वक्फ संशोधन बिल, पीएम मोदी ने बताया ऐतिहासिक क्षण
 
उन्होंने गुजरात के भुज में आए भूकंप के बाद वहां किए गए पुनर्निर्माण कार्य और नेतृत्व के लिए भी मोदी की सराहना की तथा म्यांमार एवं अन्य देशों को इससे मिली सीख का भी जिक्र किया। भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार में राहत प्रयासों में मदद के लिए 'ऑपरेशन ब्रह्मा' शुरू किया है। फरवरी 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद वरिष्ठ जनरल मिन देश की सत्ता संभाल रहे हैं। 35 मिनट की इस बैठक के दौरान म्यांमार के शासक ने 28 मार्च को आए भूकंप के तुरंत बाद भारत द्वारा भेजी गई सहायता की सराहना की।
 
बताया जाता है कि प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ जनरल मिन से कहा, हम मदद के लिए तैयार हैं। भारत ने मांडले में 'सैन्य फील्ड अस्पताल' बनाए हैं। म्यांमार प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी मांडले में भारत द्वारा स्थापित अस्पताल का दौरा किया। भारत ने अपने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मियों को भी तैनात किया है जो म्यांमार में राहत एवं बचाव कार्य में सहायता कर रहे हैं। म्यांमार को बिम्सटेक की सफलता के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी माना जाता है। सदस्य देशों को जोड़ने वाली सभी प्रमुख परियोजनाएं म्यांमार से होकर गुजरती हैं, जहां स्थानीय प्रशासन का देश के विभिन्न क्षेत्रों पर बहुत कम नियंत्रण है।
 
म्यांमार में आए भीषण भूकंप ने उसे अन्य राष्ट्रों के साथ जुड़ने का अवसर दिए है, क्योंकि वह भूकंप से उबरने के लिए मानवीय सहायता चाहता है। म्यांमार में भूकंप में 3,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, लगभग 5,000 लोग घायल हुए हैं और देशभर में 370 से ज्यादा लोग लापता हैं। वरिष्ठ जनरल मिन ने बिम्सटेक देशों के नेताओं के लिए आयोजित आधिकारिक रात्रिभोज में भी भाग लिया।
 
थाईलैंड के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बिम्सटेक सदस्यों ने गुरुवार को मंत्रिस्तरीय बैठकों के दौरान आपदा प्रबंधन पर चर्चा की। चीन ने म्यांमार को भेजी गई सहायता की मात्रा का ब्योरा दिया है, जबकि भारत ने कहा है कि वह संकट के समय देशों को दी जाने वाली मानवीय सहायता के मौद्रिक मूल्य निर्धारण में विश्वास नहीं करता।(भाषा)(फोटो सौजन्य : ट्विटर)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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