आखिर क्यों इजरायल में गठबंधन की सरकार ही बनती है?
- करीब 12 साल तक इजरायली सत्ता रहने के बाद बेंजामिन नेतन्याहू अब बैठेंगे विपक्ष में
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इजरायल में नई सरकार आज ले सकती है शपथ
इजराइल में अब तक बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार रही है। लेकिन अब वहां सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है। करीब 12 साल के सत्ता में रहने के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू विपक्ष में नजर आएंगे। आज यानी रविवार तक इस देश में नई सरकार बन सकती है।
खास बात है कि इजरायल में अक्सर गठबंधन की सरकार ही बनती है, इस बार भी यही स्थिति है।
नए गठबंधन को यहां की संसद नेसेट में शीघ्र बहुमत हासिल करना है। नेसेट के स्पीकर यारिव लेविन ने सोमवार (7 जून) को कहा था कि एक सप्ताह यानि 14 जून तक नए गठबंधन को बहुमत साबित करने का मौका मिल जाएगा।
पिछले 12 साल से इजरायल की सत्ता बेंजामिन नेतन्याहू के नाम रही है। लेकिन अब वहां असंभव बताए जा रहे गठबंधन की सरकार बन सकती है। विपक्षी नेता येर लेपिड के नेतृत्व में आठ दल मिलकर वहां सरकार बनाएंगे। इस गठबंधन के लिए हुए समझौते के तहत बारी-बारी से दो अलग-अलग दलों के नेता प्रधानमंत्री बनेंगे। सबसे पहले दक्षिणपंथी यामिना पार्टी के नेफ्टाली बेनेट प्रधानमंत्री बनेंगे। बेनेट 2023 तक प्रधानमंत्री रहेंगे। उसी वर्ष 27 अगस्त को वे अपना पद मध्यमार्गी येश एडिट पार्टी के नेता येर लेपिड को सौंप देंगे।
इजरायल में पिछले दो वर्षो में चार बार चुनाव हो चुके हैं। वास्तव में इजरायल में कभी भी आज तक पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बनी है, सदैव गठबंधन सरकार ही बनी है। इसका कारण वहां की अनोखी चुनाव प्रणाली भी है। वहां की संसद में सदस्यों की संख्या 120 है।