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Last Modified: बुधवार, 30 मई 2018 (19:02 IST)

इंडोनेशिया, जहां सर्वाधिक मुस्लिम आबादी है पर दिलों में बसती हैं महाभारत और रामायण

इंडोनेशिया, जहां सर्वाधिक मुस्लिम आबादी है पर दिलों में बसती हैं महाभारत और रामायण - Indonesia Prime Minister Narendra Modi Muslim population
जकार्ता। इंडोनेशिया दुनिया की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश है। यहां करीब 87 फीसदी आबादी मुस्लिमों की है। लेकिन, हिन्दू संस्कृति यहां के लोगों में दिलों में बसी है। रामायण और महाभारत के साथ ही उनसे जुड़े पात्र यहां काफी लोकप्रिय हैं। उल्लेखनीय है कि इस समय भारत के प्रधानमंत्री इंडोनेशिया के दौरे पर हैं।
 
यहां हिन्दू संस्कृति की झलक आसानी से देखने को मिल जाती है। गणेश, हनुमान, राम आदि हिन्दू भगवानों के मंदिर यहां आसानी से मिल जाते हैं। यहां जकार्ता स्क्वेयर पर लगीं कृष्ण और अर्जुन की मूर्तियां खासी मशहूर हैं। मुस्लिम समुदाय के लोग यहां रामायण का मंचन भी करते हैं। इंडोनेशिया में इस्लाम के अलावा हिन्दू समेत छह धर्मों को मान्यता है।  बाली को हिन्दू इंडोनेशिया का दिल बोला जाता है।
 
सिंगापुर के पूर्व राजनयिक किशोर माहबुबानी ने बताया कि इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुहार्तो राजधानी जकार्ता में एक भव्य स्मारक बनवाना चाहते थे। उन्होंने 1987 में अर्जुन विजय नामक स्मारक बनाने का निर्णय लिया। जिसके तहत महाभारत के दृश्य को दर्शाने वाली विशाल प्रतिमा का निर्माण किया गया।  
 
जावा के योग्याकार्ता शहर में जगह-जगह संस्कृत भाषा में लिखे शब्द मिल जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इंडोनेशिया में हिन्दू धर्म की शुरुआत 5वीं सदी में हो गई थी। भारत और इंडोनेशिया के बीच ईसा पूर्व से ही व्यापार चल रहा है। ऐसा माना जाता है कि इसी व्यापार के चलते इंडोनेशिया में ताकतवार श्रीविजया साम्राज्य पनपा था। इस दौर में हिन्दू और बौद्ध धर्म का काफी प्रभाव था।
 
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा कि भारत और इंडोनेशिया के सदियों पुराने संबंध हैं और दोनों देश धार्मिक रूप से एक दूसरे से जुड़े होने के साथ ही व्यापारिक रिश्तों में भी बंधे हुए है।
 
8वीं और 10वी सदी में जावा में कई बौद्ध और हिन्दू वंश फले-फूले। इसके बाद 13वीं सदी के आखिर में पूर्वी जावा में हिन्दू मजापहित साम्राज्य की स्थापना हुई। इस दौर में हिन्दू और बौद्ध धर्म का जिस क्षेत्र में विस्तार हुआ। हालांकि वर्तमान समय में यहां हिन्दू आबादी 2 प्रतिशत से भी कम है।