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Last Modified: सोमवार, 13 नवंबर 2023 (09:14 IST)

फिलिस्तीन में इजराइली बस्तियों के खिलाफ मतदान, भारत किसके साथ?

Israel Hamas war
Israel Hamas war : भारत ने कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में बस्तियां बसाने की इजराइली गतिविधियों की निंदा करने वाले प्रस्ताव सहित पश्चिम एशिया में स्थिति से संबंधित 5 प्रस्तावों के पक्ष में मतदान किया, जबकि एक से दूरी बनाई।
 
‘पूर्वी यरुशलम सहित कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र और कब्जे वाले सीरियाई गोलान में इजराइली बस्तियां’ शीर्षक वाले मसौदा प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा की विशेष राजनीतिक और विउपनिवेशीकरण समिति ने रिकॉर्ड 145 मतों से मंजूरी दे दी। गुरुवार को हुए मतदान में प्रस्ताव के विरोध में 7 वोट पड़े और 18 देश अनुपस्थित रहे।
 
भारत, बांग्लादेश, भूटान, चीन, फ्रांस, जापान, मलेशिया, मालदीव, रूस, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और ब्रिटेन सहित 145 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने वालों में कनाडा, हंगरी, इज़राइल, मार्शल द्वीप, माइक्रोनेशिया संघीय राज्य, नाउरू और अमेरिका शामिल थे।
 
प्रस्ताव की शर्तों के अनुसार, महासभा पूर्वी यरुशलम सहित कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र और कब्जे वाले सीरियाई गोलान में बस्तियां बसाने की गतिविधियों और भूमि की जब्ती, व्यक्तियों की आजीविका में व्यवधान, नागरिकों के जबरन स्थानांतरण से जुड़ी किसी भी गतिविधि की निंदा करती है।
 
भारत ने ‘फिलिस्तीनी लोगों और कब्जे वाले क्षेत्रों के अन्य लोगों के मानवाधिकारों को प्रभावित करने वाले इजराइली गतिविधियों की जांच करने के लिए विशेष समिति के कार्य’ शीर्षक वाले मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से अनुपस्थित रहा। इस प्रस्ताव को 13 के मुकाबले 85 मतों से मंजूरी दी गई, जबकि 72 सदस्य अनुपस्थित रहे।
 
यह प्रस्ताव इजराइल की उन नीतियों और गतिविधियों की निंदा करता है जो फिलिस्तीनी लोगों और कब्जे वाले क्षेत्रों के अन्य निवासियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हैं।
 
प्रस्ताव में गैरकानूनी इजराइली कदमों, और उपायों के परिणामस्वरूप पूर्वी यरुशलम सहित कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में गंभीर स्थिति के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की गई और निंदा की गई है तथा अवैध बस्तियों की इजराइली गतिविधियों और निर्माण को तत्काल बंद करने का आह्वान किया गया है।
 
एक अन्य मसौदा प्रस्ताव, जिसके पक्ष में भारत ने मतदान किया वह 'कब्जे वाले सीरियाई गोलान' से संबंधित था जिसे 146 के रिकॉर्ड वोट से अनुमोदित किया गया।
 
प्रस्ताव में इजराइल से कब्जे वाले सीरियाई गोलान के भौतिक स्वरूप, जनसांख्यिकी, संस्थागत संरचना और कानूनी स्थिति को बदलने और विशेष रूप से बस्तियां बसाने से दूर रहने का आह्वान किया गया है।
 
भारत ने ‘फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी के संचालन’ से संबंधित प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। इस मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में 160 और विरोध में 4 मत पड़े। सात सदस्य अनुपस्थित रहे।
 
भारत ने ‘फिलिस्तीनी शरणार्थियों को सहायता’ शीर्षक वाले मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में भी मतदान किया। इसे 161 मतों से मंजूरी दी गई। इस प्रस्ताव पर मतदान से 11 सदस्य अनुपस्थित रहे, जबकि सिर्फ इजराइल ने इसके विरोध में वोट दिया।
 
प्रस्ताव में, फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी के काम को जारी रखने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। इसके बाद, भारत ने ‘फलस्तीनी शरणार्थियों की संपत्ति और उनका राजस्व’ शीर्षक वाले एक मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। प्रस्ताव के पक्ष में 156 और विरोध में 6 वोट पड़े।
Edited by : Nrapendra Gupta 
 
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