इमरान संभालेंगे पाकिस्तान की कमान, क्या होगा भारत-पाक संबंधों पर असर
क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान की पार्टी 'पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ' बुधवार को हुए असेंबली चुनाव में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। अन्य छोटे दलों के समर्थन से वह आसानी से सरकार बना सकती है। इस स्थिति में इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन जाएंगे।
ऐसा माना जा रहा है कि इमरान की जीत में पाकिस्तानी सेना का भी हाथ है। साथ ही उन्हें इस चुनाव में कई कट्टरपंथी जमातों से भी मदद मिली है। यह दोनों ही कभी नहीं चाहेंगे कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध सुधरे।
अगर इस बार इमरान खान की पार्टी 'तहरीक-ए-इंसाफ' सत्ता में आती है तो भारत को नए सिरे से संबंध बनाने होंगे। इस लिहाज से इमरान का प्रधानमंत्री बनना भारत के लिए चिंता की बात है।
इस बीच यह भी कहा जा रहा है कि इमरान खान का भारत के साथ वो रिश्ता नहीं होगा, जो किसी समय नवाज शरीफ के साथ था। नवाज शरीफ के साथ भारतीय नेताओं की दोस्ती भी पाकिस्तान में बड़ा चुनावी मु्द्दा बन गई थी।
इमरान खान ने अपने चुनावी अभियान के दौरान भारत पर उनकी सेना की छवि खराब करने का आरोप लगाया था। पीटीआई प्रमुख ने नवाज शरीफ पर भी आरोप लगाते हुए कहा था कि वो भारत का पक्ष ले रहे हैं, साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि वो अपने हितों के लिए काम कर रहे हैं।
बहरहाल बेहद खराब आर्थिक हालातों को देखते हुए पाकिस्तान को भारत से संबंध सुधारने ही होंगे। अगर दोनों देशों के संबंध नहीं सुधरे तो पाकिस्तान को इसका खामियाजा भुगतना ही पड़ेगा।