सोशल मीडिया पर एक विधायक की फोटो तेजी से शेयर की जा रही है और उनकी खूब तारीफ भी हो रही है। इस फोटो में एक शख्स अपनी पीठ पर बोरी लादे हुए दिख रहा है। इस शख्स के बारे में दावा किया जा रहा है वह असम के भाजपा विधायक हैं और बाढ़ पीडितों की मदद के लिए उन्होंने खुद अपनी पीठ पर बोरी लादकर राहत सामग्री पहुंचाई।
यह पोस्ट ‘India Supporter’ नामक फेसबुक पेज पर शेयर किया गया है और अब तक इस पोस्ट को लगभग 8 हजार रिएक्शन मिल चुके हैं और 4 हजार से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है।
इसके अलावा ‘युवा भारत’ नामक फेसबुक पेज पर भी इस पोस्ट को 10 हजार रिएक्शन मिले हैं और 4 हजार बार शेयर किया गया है।
फेसबुक ही नहीं ट्विटर पर भी लोग इस पोस्ट को धड़ाधड़ शेयर कर रहे हैं। आखिर क्यों न करें.. अच्छी और प्रेरणादायक खबरों का प्रचार तो करना ही चाहिए। लेकिन क्या सच में यह शख्स कोई विधायक है.. और क्या सच में उसने बाढ़ पीड़ितों की इस तरह मदद की थी..
आइए जानते हैं.. क्या है सच..
सबसे पहले हमने इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर ही ढूँढने की कोशिश की, तो हमें पिछले साल के कई पोस्ट मिले। अधिकतर पोस्ट में यह जिक्र नहीं किया गया था कि वह विधायक किस राजनीतिक पार्टी का है, लेकिन उस वक्त भी कुछ लोग इसे भाजपा का ही विधायक बता रहे थे। थोड़ा और ढूँढा तो कुछ पोस्ट में उनकी पहचान विधायक रूपज्योति कुर्मी के तौर पर हुई।
हमने विधायक रूपज्योति कुर्मी के बारे में गूगल सर्च किया। हमें पिछले साल की कई न्यूज रिपोर्ट मिलीं जिससे पता चला कि जुलाई 2017 में कुर्मी ने चावल का बोरा अपनी पीठ पर लादकर काजीरंगा नैशनल पार्क के समीप बाढ़ पीड़ितों के लिए बने हुए शिविर में पहुंचाया था। यह तस्वीर उसी दौरान की है। साथ ही, एक और बात महत्वपूर्ण बात पता चली, कि रूपज्योति भाजपा के नहीं बल्कि कांग्रेस के विधायक हैं। जी हां, तो अब साबित हो गया कि यह तस्वीर तो सच्ची है, लेकिन इसके साथ किया जा रहा दावा झूठा है।
अब जानते हैं.. कौन हैं रूपज्योति कुर्मी..
रूपज्योति कुर्मी असम के मोरियानी से कांग्रेस के विधायक हैं। वे असम की पूर्व कैबिनेट मंत्री रूपम कुर्मी के बेटे हैं। कुर्मी अपनी विधानसभा में आम लोगों के लिए काम करने के लिए जाने जाते हैं। पिछले महीने कुर्मी ने कुछ ऐसा किया कि जिसके बाद लोगों के बीच उनका ओहदा और भी बढ़ गया है।
जब मारियानी में रहने वाले दिलीप डे की मौत हुई तो उनकी अर्थी को कंधा देने के लिए जरुरी चार कंधे पूरे नहीं हो रहे थे। क्योंकि दिलीप के परिवार में केवल एक ही सदस्य था, और वह भी शारीरिक रूप से अपंग। जब कुर्मी को इस बात का पता चला तो उन्होंने दिलीप के अंतिम संस्कार के लिए अर्थी बनवाई और उसके अर्थी को कांधा भी दिया।
हाल ही में रूपज्योति कुर्मी का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें वे अस्पताल में पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं देने में विफल रहने पर लोगों के सामने घुटनों के बल बैठकर माफी मांगते हुए दिखाई दिए थे।