इस्लामाबाद। पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पाकिस्तान तहरीक - ए - इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान को सोमवार को आयोग के सामने पेश होने के आदेश दिए हैं। इमरान पर आरोप है कि इस्लामाबाद संसदीय सीट के एक मतदान केंद्र में वोट डालने के दौरान उन्होंने बैलट की गोपनीयता का उल्लंघन किया। मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई।
क्रिकेटर से नेता बने इमरान (65) चुनाव आयोग की जांच के दायरे में उस वक्त आए जब उनके वोट का टीवी पर सीधा प्रसारण किया गया। इमरान ने मीडिया और कैमरों की मौजूदगी में एनए-53 चुनाव क्षेत्र के मतदान केंद्र में पीठासीन पदाधिकारी की मेज पर अपना वोट डाला, जबकि उन्हें कानूनन गोपनीय स्क्रीन के पीछे वोट डालना चाहिए था।
‘डॉन’की खबर के मुताबिक, चुनाव आयोग ने बैलट की गोपनीयता का उल्लंघन करने के मामले में पीटीआई प्रमुख इमरान खान को 30 जुलाई को तलब किया है। आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में चुनाव आयोग इमरान का वोट रद्द भी कर सकता है।
चुनाव कानून के मुताबिक, अपने वोट की गोपनीयता भंग करने के दोषी व्यक्ति को छह महीने की जेल की सजा हो सकती है और / या उस पर 1,000 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।
इमरान के अलावा पीएमएल - एन के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ और पूर्व विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ को भी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। चुनाव आयोग ने शाहबाज और आसिफ के वोट डालने के बाद मीडिया से बात करने को काफी गंभीरता से लिया है।
चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आयोग ने इमरान, शाहबाज और आसिफ द्वारा वोट डालने के बाद मीडिया से बात करने पर गौर किया है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने चुनाव आयोग के प्रवक्ता नदीम कासिम के हवाले से कहा, वोट देने के बाद भाषण देने वाले और कैमरे के सामने वोट डालने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। उनके हर कदम पर नजर रखी जा रही है।
आयोग की ओर से इमरान को तलब किए जाने की खबरों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए उनकी पार्टी पीटीआई ने एक बयान जारी कर कहा कि इमरान ने किसी चुनावी नियम का उल्लंघन नहीं किया है और आयोग से फर्जी खबर का संज्ञान लेने का अनुरोध किया जाता है।
इस बीच, चुनावों में कथित तौर पर धांधली में हिस्सा लेने के आरोप में एक महिला सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए लोग राजनीतिक पार्टियों के मतदान एजेंट हैं। उन्होंने बताया कि पीठासीन अधिकारियों के निर्देश पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
डीआईजी आमिर फारूकी ने कहा, वे उन तीन अलग - अलग राजनीतिक पार्टियों के मतदान एजेंट हैं, जिनके उम्मीदवार एनए - 238 कराची से चुनाव लड़ रहे हैं।
फारूकी ने बताया कि वे अपने साथ चुनाव आयोग की वेबसाइट से फॉर्म 40 और 45 की डाउनलोड की हुई प्रतियां लेकर आए थे। वे फॉर्म पीठासीन अधिकारियों की ओर से मतदान एजेंटों को मुहैया कराए जाने थे। लेकिन मतदान एजेंट वे फॉर्म खुद लेकर आए थे।
इसलिए पीठासीन अधिकारी ने इसे नियमों का उल्लंघन माना और घटना की जानकारी पुलिस को दी।