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Last Modified: बुधवार, 19 अक्टूबर 2022 (22:16 IST)

लिज ट्रस को चुनने का अफसोस, चुनाव हों तो ऋषि सुनक की जीत पक्की

लिज ट्रस को चुनने का अफसोस, चुनाव हों तो ऋषि सुनक की जीत पक्की - If elections are held in Britain now, Indian origin Rishi Sunak victory is confirmed
लंदन‍। ब्रिटेन में प्रधानमंत्री लिज ट्रस की लगातार घटती लोकप्रियता के बीच भारतीय मूल के पूर्व वित्तमंत्री ऋषि सुनक एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। एक सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि यदि यदि कंजरवेटिव पार्टी के नेतृत्व के लिए अभी चुनाव कराए जाते हैं तो सुनक अपनी प्रतिद्वंद्वी लिज ट्रस करारी शिकस्त दे देंगे। 
 
टोरी सदस्यों पर ब्रिटिश अंतरराष्ट्रीय इंटरनेट आधारित बाजार अनुसंधान और डेटा एनालिटिक्स फर्म ‘यू-जीओवी’ द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में यह पाया गया कि यदि उन्हें फिर से मतदान करने का मौका मिलता है तो पार्टी के 55 प्रतिशत सदस्य अब सुनक (42) को वोट देंगे, जबकि ट्रस को महज 25 प्रतिशत लोग ही वोट देंगे।

इसमें कहा गया है कि वेंस्टमिंस्टर में चल रहे राजनीतिक उथल-पुथल के बीच यह पाया गया है कि कंजरवेटिव पार्टी के सदस्य, लिज ट्रस को नेता चुनने के सितंबर के अपने फैसले को लेकर अफसोस कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि हाल में टोरी नेतृत्व के लिए हुए चुनाव में सुनक को हराकर ट्रस प्रधानमंत्री बनी थीं।
 
हालांकि, ब्रिटिश प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे पसंदीदा विकल्प के तौर पर पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का ही नाम सामने आया। सर्वेक्षण में 63 प्रतिशत ने उन्हें ट्रस की जगह लेने के लिए एक अच्छा विकल्प माना, जबकि 32 प्रतिशत ने उन्हें शीर्ष उम्मीदवार बताया। वहीं, 23 प्रतिशत ने सुनक का समर्थन किया।
 
ब्रिटेन की 1922 कमेटी नियमों के तहत, ट्रस कम से कम 12 महीने तक नेतृत्व की चुनौती के लिए सुरक्षित हैं। हालांकि, ट्रस के प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने के कुछ ही हफ्तों बाद अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन के चलते पार्टी में बगावत शुरू हो गई। उन्हें अपने वित्त मंत्री को भी हटाना पड़ा था। 
 
ट्रस पर पद छोड़ने का दबाव : प्रधानमंत्री लिज ट्रस पर पद छोड़ने का दबाव है। उन्हें कंजर्वेटिव पार्टी में ही कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि वे मैदान छोड़कर भागने वाली नहीं हैं। नवनियुक्त वित्त मंत्री जेरेमी हंट ने उनकी सरकार के टैक्स कटौती के पैकेज के फैसलों को पलट दिया था। संसद में ‍ट्रस ने न सिर्फ गलतियां मानीं बल्कि माफी भी मांगी। जब वे संसद में बोल रही थीं तो कुछ सांसदों ने चिल्लाकर उनसे इस्तीफे की मांग भी कर डाली। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
 
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