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Last Updated :टोरंटो/नई दिल्ली , सोमवार, 20 जनवरी 2025 (16:39 IST)

हिन्डनबर्ग रिसर्च का स्पष्टीकरण, अमेरिकी एसईसी की जांच के दायरे में नहीं है कंपनी

हिन्डनबर्ग ने भारतीय उद्योगपति गौतम अदाणी के समूह के बारे में विवादित रिपोर्ट प्रकाशित की थी तथा इससे राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया था और समूह को बड़ा वित्तीय नुकसान हुआ था

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Hindenburg Research's clarification: अमेरिकी शोध एवं निवेश कंपनी हिन्डनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने कहा है कि वह अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (SEC) की जांच के दायरे में नहीं है, साथ ही उसने कंपनियों को लक्षित करने वाली रिपोर्ट तैयार करने के लिए अपने संस्थापक के एक 'हेज फंड' (hedge fund) से कथित संबंधों के दावों को भी खारिज कर दिया है।ALSO READ: उज्जैन में बनेगा अंतर्राष्ट्रीय वैदिक न्यायालय, यूनानी चिकित्सा को हिंदी में पढ़ाएंगे: डॉ. मोहन यादव
 
कनाडा के एक मंच ने ओंटारियो की एक अदालत में दायर दस्तावेजों का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि हिन्डनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नेट एंडरसन पर 'हेज फंड' के साथ कथित संबंधों के कारण संदेह के बादल मंडरा रहे हैं। इसके बाद ही कंपनी ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए यह बयान दिया। अमेरिकी शोध एवं निवेश कंपनी ने कहा कि हमारी जानकारी के अनुसार हिन्डनबर्ग एसईसी की जांच के दायरे में नहीं है। इसके विपरीत कोई भी दावा गलत है।
 
दायर दस्तावेजों का हवाला दिया : ओन्टारियो सुपीरियर कोर्ट ऑफ जस्टिस में मानहानि के एक मामले में दायर दस्तावेजों का हवाला देते हुए कनाडा के मंच 'मार्केट फ्रॉड्स पोर्टल' ने कहा था कि कनाडा के एन्सन हेज फंड के प्रमुख मोएज कस्साम ने स्वीकार किया है कि उनकी कंपनी ने हिन्डनबर्ग के नेट एंडरसन सहित विभिन्न स्रोतों के साथ शोध साझा किया है, वहीं हिन्डनबर्ग ने रिपोर्ट तैयार करते समय एन्सन के साथ मिलीभगत की।ALSO READ: कोलकाता चिकित्सक रेप और मर्डर केस में संजय रॉय को मरते दम तक उम्रकैद की सजा
 
भागीदारी का खुलासा किए बिना मंदी संबंधी रिपोर्ट तैयार करने पर अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) द्वारा प्रतिभूति धोखाधड़ी का आरोप लगाया जा सकता है। हिन्डनबर्ग ने कहा कि यह रिपोर्ट मुख्यत: एक अनाम 'टोंगन ब्लॉग' पर आधारित है, जो तथ्यात्मक त्रुटियों, बेबुनियाद सिद्धांतों से भरपूर है तथा उसमें अमेरिकी कानून की समझ का पूर्ण अभाव नजर आता है और ऐसी अफवाहें फैलाना गैर-जिम्मेदाराना है।
 
गौरतलब है कि हिन्डनबर्ग रिसर्च ने 2020 में फेसड्राइव पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जो एक कनाडाई कंपनी है। यह रिपोर्ट एक 'रिवर्स मर्जर' के माध्यम से 'इको-फ्रेंडली राइड-शेयरिंग' सेवा के रूप में सार्वजनिक हुई। इसमें अधिक मूल्यांकित होने और प्रवर्तकों को बहुत अधिक भुगतान करने की बात कही गई थी। अदालती दस्तावेजों से पता चलता है कि एन्सन ने कथित तौर पर रिपोर्ट पर एंडरसन के साथ ईमेल का आदान-प्रदान किया। 'हेज फंड' को पता था कि रिपोर्ट कब प्रकाशित होने वाली है।
 
गौतम अदाणी के समूह के बारे में विवादित रिपोर्ट प्रकाशित की थी : इसके अलावा कंपनी उद्योगपति गौतम अदाणी के समूह के बारे में विवादित रिपोर्ट प्रकाशित करने के बाद 2023 में वैश्विक स्तर पर काफी चर्चा में रही थी। इससे राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया था और समूह को बड़ा वित्तीय नुकसान हुआ था। वहीं अमेरिका में सत्ता हस्तांतरण से कुछ दिन पहले पिछले हफ्ते एंडरसन ने हिन्डनबर्ग रिसर्च का कारोबार समेटने की घोषणा की।
 
उन्होंने अपने निर्णय के पीछे की कोई विशेष वजह नहीं बताई, हालांकि भविष्य में दोस्तों तथा परिवार के साथ अधिक समय बिताने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने निर्णय की घोषणा करते हुए लिखा था कि हमारे काम से करीब 100 लोगों पर विनियामकों द्वारा दीवानी या आपराधिक आरोप लगाए गए जिनमें अरबपति तथा कुलीन वर्ग के लोग शामिल हैं। हमने कुछ ऐसे साम्राज्यों को हिला दिया जिन्हें हिलाने की हमें जरूरत थी।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta