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Last Modified: सोमवार, 15 नवंबर 2021 (19:49 IST)

बांग्लादेश 50 सालों में हिंदुओं की संख्या 75 लाख तक घटी

इस साल दुर्गा पूजा के दौरान पवित्र कुरान को अपवित्र किए जाने की घटना के बाद हिंदुओं के पूजा मंडप और मंदिर नष्ट कर दिए गए, उनके घरों और उनकी दुकानों में आग लगा दी गई। इस दौरान अनेक लोगों की मौत भी हुई।

बांग्लादेश 50 सालों में हिंदुओं की संख्या 75 लाख तक घटी - Bangladesh Hindu population decreased by 75 lakh in 50 years
ढाका। बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी लगातार घटती जा रही है। पिछले 50 सालों में देश की कुल जनसंख्या दोगुनी से अधिक हो गई है, लेकिन हिंदुओं की संख्या में लगभग 75 लाख तक की गिरावट आ चुकी है।
 
हिंदुओं के अलावा बौद्ध, ईसाई और अन्य धर्म के लोगों की संख्या कमोबेश स्थिर रही है। आजाद बंगलादेश में पहली जनगणना 1974 में हुई थी। उस वक्त हिंदुओं की जनसंख्या 13.5 फीसदी थी। इसके बाद बाद चार और जनगणना की गई। साल 2011 में की गई जनगणना से पता चला कि बांग्लादेश की कुल आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी 8.5 फीसदी है।
 
आबादी घटने के 2 बड़े कारण : साल 2011 के लिए बांग्लादेश सांख्यिकी ब्यूरो (बीबीएस) ने जनसंख्या और आवास जनगणना की अपनी रिपोर्ट में देश में हिंदुओं की आबादी में कमी के दो कारण बताए थे। इनमें से एक हिंदुओं का देश छोड़कर चले जाना है और दूसरी वजह हिंदुओं में कुल प्रजनन दर का तुलनात्मक रूप से कम होना है, मतलब हिंदुओं के घरों में अपेक्षाकृत कम बच्चे हैं।
 
हालांकि बांग्लादेश में डायरिया की बीमारी के लिए अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र ने दो और संगठनों के साथ मिलकर देश के एक छोटे से हिस्से में एक अध्ययन किया और पाया कि हिंदुओं के पलायन और प्रजनन दर कम होने के अलावा इस समुदाय में शिशुओं की मृत्यु दर तुलनात्मक रूप से अधिक होने की वजह से इनकी जनसंख्या कम होती जा रही है।
 
राजनीतिक नेता, समाज के जानकार, हिंदू समुदाय के नेता और शोधकर्ता कमोबेश इस बात पर सहमत हैं कि हिंदुओं का बाहरी देशों में पलायन देश में उनकी आबादी में कमी होने का मुख्य कारण है। इस पलायन के पीछे एक ऐतिहासिक प्रवृत्ति रही है।
 
पलायन की बड़ी वजह उत्पीड़न : ढाका विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर अबुल बरकत तीन दशकों से अधिक समय से अल्पसंख्यकों के देश छोड़ने के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक कारणों पर शोध कर रहे हैं। उन्होंने इस विषय पर बात करते हुए कहा कि कोई भी अपनी मातृभूमि, अपने घर को छोड़कर किसी और देश में नहीं जाना चाहता। यह उत्पीड़न ही है, जिसकी वजह से हिंदू पलायन कर रहे हैं और उनकी संख्या तेजी से घट रही है।
 
उन्होंने बताया कि कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें शत्रु संपत्ति अधिनियम (निहित) की वजह से अपना सब कुछ गंवाना पड़ा है और उन्होंने देश छोड़ दिया है। ऐसा अधिकतर गांव के कमजोर हिंदू परिवारों के साथ होता होता है तथा इसके अलावा और भी कारण हैं।
 
दुर्गा पूजा के दौरान हुई थी हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा : इस साल दुर्गा पूजा के दौरान पवित्र कुरान को अपवित्र किए जाने की घटना के बाद हिंदुओं के पूजा मंडप और मंदिर नष्ट कर दिए गए, उनके घरों और उनकी दुकानों में आग लगा दी गई। इस दौरान अनेक लोगों की मौत भी हुई।
 
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