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Last Modified: ढाका , शनिवार, 30 नवंबर 2024 (18:12 IST)

बांग्लादेश में हिंसा के दौरान वकील की मौत, 9 अल्पसंख्यक हिन्दू गिरफ्तार

बांग्लादेश में हिंसा के दौरान वकील की मौत, 9 अल्पसंख्यक हिन्दू गिरफ्तार - 9 Hindus arrested in Bangladesh violence case
Bangladesh violence case : बांग्लादेश के चटगांव में हुई हिंसा के दौरान एक वकील की हत्या के मामले में कम से कम 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अन्य की गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान जारी है। यह घटना मंगलवार को हिंदू समुदाय के नेता चिन्मय कृष्ण दास के समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प के दौरान हुई थी।
 
पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। सहायक लोक अभियोजक सैफुल इस्लाम की हत्या में संलिप्तता के लिए 46 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से अधिकतर अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के सफाई कर्मचारी हैं।
इस्लाम की उम्र 30 वर्ष के आसपास थी। यह घटना मंगलवार को हिंदू समुदाय के नेता चिन्मय कृष्ण दास के समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प के दौरान हुई थी। इससे पहले चटगांव की एक अदालत ने दास को जमानत देने से इनकार करते हुए जेल भेज दिया था।
 
बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता दास को राजद्रोह के एक मामले में सोमवार को यहां हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। चटगांव कोतवाली थाने के प्रभारी अधिकारी अब्दुल करीम ने कहा, सैफुल इस्लाम के पिता ने कल रात 46 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
करीम ने बताया कि अधिकांश आरोपी शहर की सेबोक कॉलोनी के निवासी हैं, जहां अधिकतर हिंदू समुदाय से जुड़े सफाई कर्मचारी रहते हैं। उन्होंने बताया कि नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और अन्य की गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान जारी है।
 
उन्होंने बताया कि आरोपियों की पहचान 26 नवंबर को हुई हिंसा के घटनास्थल यानी अदालत परिसर के सीसीटीवी फुटेज से हुई है। पुलिस ने बताया कि चंदन दास नामक व्यक्ति मुख्य आरोपी है, जिसे वकील पर धारदार हथियार से हमला करते देखा गया।
इस घटना से देशभर में आक्रोश फैल गया और वकील तथा राजनीतिक समूह सड़कों पर उतर आए तथा इस्लाम के हत्यारों के खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की मांग करने लगे, जबकि कुछ समूह चाहते थे कि इस्कॉन बांग्लादेश पर प्रतिबंध लगाया जाए। हालांकि इस्कॉन बांग्लादेश ने कहा कि दास को गिरफ्तारी से काफी पहले संगठन से निष्कासित कर दिया गया था और इस्कॉन हत्या या हिंसा में शामिल नहीं है।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour