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Last Updated : गुरुवार, 26 अक्टूबर 2023 (21:05 IST)

8 Indians कौन हैं जिन्हें Qatar में सुनाई गई है मौत की सजा और क्या है पूरा मामला?

8 Indians कौन हैं जिन्हें Qatar में सुनाई गई है मौत की सजा और क्या है पूरा मामला? - 8 ex-Indian Navy officers awarded death penalty in Qatar, All Details
कतर में 8 भारतीयों को कोर्ट ने गुरुवार को फांसी की सजा सुनाई। इजराइल-हमास युद्‍ध के बीच आए कतर के इस फैसले को लेकर भारत ने कड़ा रुख अपनाया है। भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि मौत की सजा के मामले को लेकर हम हैरान हैं। आखिर क्या है पूरा मामला और कौन हैं ये 8 भारतीय और किस आरोप को लेकर इन्हें सजा सुनाई गई है। 
इस पूरे मामले पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि मौत की सजा के फैसले से हम हैरान हैं और विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि फैसले को कतर के अधिकारियों के सामने भी उठाएंगे।
 
जासूसी का आरोप : ये सभी 8 भारतीय पूर्व नौसेना कर्मी हैं। ये सभी कतर में स्थित अल दहारा कंपनी में काम करते हैं। कतर की अदालत ने इन्हें मौत की सजा दी है। इन पूर्व भारतीय नौसेनाकर्मियों पर कतर के खिलाफ इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया है। कतर के गृह मंत्रालय ने 30 अगस्त 2022 को जासूसी का आरोप लगाते हुए पूछताछ के लिए इन्हें घरों से हिरासत में लिया गया था।
 
ये पूर्व नौसेना अधिकारी हैं शामिल : कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कमांडर सुगुनाकर पकाला,  कमांडर सेलर रागेश, कमांडर संजीव गुप्ता। 
 
जानकारियां देने से कतरा रहा है कतर : ये अधिकारी पिछले साल अगस्‍त से ही देश की जेल में बंद हैं। कतर ने आरोप लगाया है कि ये नेवी ऑफिसर्स उसके पनडुब्‍बी प्रोग्राम की जासूसी कर रहे थे और इजराइल को जानकारियां दे रहे थे। न तो कतर की तरफ से और न ही भारत सरकार की तरफ से आरोपों को लेकर कोई जानकारी साझा की गई है। 
 
राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त : कतर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 8 पूर्व नौसैनिकों में से राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित कमांडर पूर्णंदू तिवारी (रि.) भी शामिल हैं।  2019 में इन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रवासी भारतीय पुरस्कार से सम्मानित किया था। वेबसाइट की जानकारी के अनुसार पूर्णंदू तिवारी भारतीय नौसेना में कई बड़े जहाजों की कमान संभाल चुके हैं।
 
9 माह से जेल में : इन भारतीयों पर आरोपों के बारे में विस्‍तार से नहीं बताया है जिसके तहत इन्‍हें 9 महीने से जेल में रखा गया है। इस पूरे मामले ने कतर और भारत के रिश्‍तों पर भी खासा असर डाला है। कतर में भारत के राजदूत ने राजनयिक पहुंच मिलने के बाद 1 अक्टूबर को जेल में बंद इन भारतीयों से मुलाकात की थी।
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परिजनों को भारत सरकार से उम्मीद : अधिकारियों के परिजनों को उम्मीद थी कि उन्हें कतर सरकार से राहत मिल जाएगी लेकिन उनकी उम्मीदों को कतर ने बड़ा झटका दिया है।
 
अब आगे क्या : फिलहाल इस मामले को लेकर विदेश मंत्रालय सक्रिय हो चुका है। मामले पर कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए कतर को संदेश भेजा है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कतर के फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि कतर के फैसले से वह आहत हैं। इस मसले को अब कतर सरकार के सामने उठाएंगे। Edited by:  Sudhir Sharma
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