Last Modified: नई दिल्ली ,
शनिवार, 3 मार्च 2012 (00:55 IST)
2जी मामले में पुनरीक्षा याचिका दायर
दूरसंचार कंपनियां सिस्तेमा श्याम टेलीसर्विसेज (एसएसटीएल) तथा यूनिनोर ने कहा कि उन्होंने 2जी लाइसेंस रद्द करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर पुनर्विचार के लिए पुनरीक्षा याचिका दायर की। कंपनियों का कहना है कि इसका उन पर तथा संबंधित पक्षों पर प्रतिकूल असर पड़ा है।
अपने बयान में एसएसटीएल ने कहा कि उसका मानना है कि उसे सरकार द्वारा स्थापित प्रक्रिया के तहत नेकनीयती से काम करने केलिए दंडित किया जा रहा है।
वहीं, यूनिनोर ने कहा कि उसकी याचिका में कुछ तथ्यों तथा सूचनाओं को रखा गया है, जो पहले उच्चतम न्यायालय के समक्ष नहीं थे। इस कारण फैसले की समीक्षा का मामला बनता है।
यूनिनोर ने कहा कि उसका लाइसेंस रद्द करने का निर्णय इस आधार पर किया गया कि इन्हें एकतरफा और मनमाने ढंग से लाइसेंस दिया गया, लेकिन 1,658 करोड़ रुपए का प्रवेश शुल्क लेकर सेवाएं शुरू करने के लिए स्पेक्ट्रम देने का निर्णय, सरकार में बैठे प्रमुख लोगों द्वारा सामूहिक रुप से लिया गया था।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के कार्यकाल में आबंटित एक सौ बाइस 2जी लाइसेंस रद्द करते हुए इन्हें ‘अवैध’ करार दिया।
एमटीएस ब्रांड के तहत परिचालन कर रही सिस्तेमा श्याम ने न्यायालय से 2 फरवरी को दिए गए फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया और कहा कि 2008 में अखिल भारतीय सीडीएमए स्पेक्ट्रम के लिए आवेदन करने वाली वह अकेली कंपनी थी और कैग की रपट में उसके खिलाफ कुछ भी नहीं पाया गया। (भाषा)