शुक्रवार, 10 जनवरी 2025
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. खोज-खबर
  3. रोचक-रोमांचक
  4. why masoor-ki-daal considered as non-veg
Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 10 जनवरी 2025 (12:54 IST)

क्यों नॉनवेज मानी जाती है ये दाल, जानिए पौराणिक कथा और वैज्ञानिक तथ्य

क्यों नॉनवेज मानी जाती है ये दाल, जानिए पौराणिक कथा और वैज्ञानिक तथ्य - why masoor-ki-daal considered as non-veg
Why masoor-ki-daal considered as non-veg : आज हम एक ऐसे विषय पर चर्चा करेंगे जो सदियों से धार्मिक और सामाजिक चर्चा का विषय रहा है - मसूर की दाल। हिंदू धर्म में, विशेषकर ब्राह्मण और साधु-संतों के बीच, मसूर की दाल को अक्सर मांसाहारी माना जाता है। इसी वजह से ये लोग मसूर की दाल का सेवन नहीं करते हैं। आइए जानते हैं कि इस मान्यता के पीछे क्या कारण हैं, साथ ही हम आपको बताएंगे इसके पीछे क्या कोई वैज्ञानिक कारण भी हैं।

पौराणिक कथाएं क्या कहती हैं?
सबसे प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला था। अमृत देवताओं में बंट रहा था तब उनके बीच स्वर्भानु नामक एक राक्षस भी आकर बैठ गया। जब भगवान विष्णु को यह बात पता चली तो उन्होंने सुदर्शन से उसका धड़ सर से अलग कर दिया ।

इस राक्षस का सर राहु और धड़ केतु कहलाया। मान्यता है कि स्वर्भानु की रक्त की बूंद से मसूर की दाल की उत्पत्ति हुई । इसीलिए इसे रक्त से उत्पन्न माना जाता है और मांसाहारी श्रेणी में रखा जाता है।

एक अन्य मान्यता के अनुसार, मसूर की दाल तामसिक गुणों वाली होती है। तामसिक गुणों का अर्थ है जो अंधकार, निष्क्रियता और अशुद्धता से जुड़े हों।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो मसूर की दाल में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। कुछ लोग इस उच्च प्रोटीन सामग्री को मांस के समान मानते हैं। इसके अलावा, कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि मसूर की दाल में कुछ ऐसे यौगिक होते हैं जो शरीर में हार्मोनल परिवर्तन ला सकते हैं।

सामाजिक और धार्मिक कारण
·         ब्राह्मण और साधु-संत: ब्राह्मण और साधु-संत आध्यात्मिक जीवन जीते हैं और शुद्धता पर विशेष जोर देते हैं। वे मानते हैं कि मसूर की दाल तामसिक है और उनके आध्यात्मिक विकास में बाधा डाल सकती है।
·         विधवाएं: पहले के समय में विधवाओं को शाकाहारी भोजन ही करने की अनुमति होती थी, लेकिन लहसुन, प्याज और मसूर की दाल को छोड़कर। ऐसा माना जाता था कि मसूर की दाल में मौजूद प्रोटीन विधवाओं के लिए हानिकारक हो सकता है।

क्या मसूर की दाल वास्तव में नॉनवेज है?
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो मसूर की दाल पौधे से निकलती है और इसे मांसाहार की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। यह व्यक्तिगत पसंद और धार्मिक विश्वास पर निर्भर करता है कि कोई व्यक्ति इसे खाना चाहता है या नहीं।

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण  आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं है करता । किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।