आखिर दुनिया की सबसे महंगी दवा क्यों दी गई इस मासूम बच्चे को, कितनी है कीमत?
इंग्लैंड के बेबी एडवर्ड की उम्र मात्र एक साल है। एडवर्ड स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से पीड़ित है। SMA से मांसपेशियों की ग्रोथ के लिए ज़रूरी प्रोटीन की कमी हो जाती है। इस बीमारी का नाम सुनते ही सब सक्ते में थे। न तो इस बीमारी में वह बैठ सकता है, न खड़ा हो सकता है। चलना-फिरना तो बहुत दूर की बात है।
इलाज भी सबसे महंगा। लेकिन अब एडवर्ड का इलाज शुरु हो गया है। उसे दुनिया की सबसे महंगी दवा ज़ोलगेज़्मा (Zolgensma Drug) से थेरेपी दी जा रही है।
दुनिया की इस सबसे महंगी दवा की क़ीमत है 1.79मिलियन पाउंड। ये दवा मांसपेशियों में ज़रूरी प्रोटीन की कमी को पूरा कर रीढ़ की हड्डियों को फिर से मजबूत बनाना शुरु करता है। ये एक जीन थेरेपी है। बेबी एडवर्ड को अगस्त में ज़ोलगेज़्मा की डोज़ दी गई है। ये जीन थेरेपी NHS इंग्लैंड के ज़रिए दी गई है।
ज़ोल्गेज़्मा ने सिर्फ बेबी एडवर्ड के पैरेंट्स को ही खुशी नहीं दी, बल्कि ऐसा हर बच्चा जो SMA यानि स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से ग्रसित है उसे भी जीने का एक मौका मिलने की उम्मीद नज़र आने लगी है।
एडवर्ड की मां के मुताबिक जन्म के साथ ही परिवार की खुशियों का ठिकाना नहीं था। लेकिन जैसे-जैसे वक्त गुज़रता गया, ये एहसास हुआ की एडवर्ड में कुछ शारिरीक दिक्कतें हैं। जैसा की नाम से ही पता चलता है की इस बीमारी का ताल्लुक स्पाइनल यानि रीढ़ की हड्डियों से है। जिसके चलते उठना-बैठना, चलना-फिरना नामुमकिन होता है। लेकिन मेडिकल साइंस ने ज़ोल्गेज़्मा नामक जीन थेरेपी के रूप में नया करिश्मा किया है।