1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. प्रेरक व्यक्तित्व
  4. Birth anniversary of Lal Bahadur Shastri
Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 1 अक्टूबर 2025 (15:55 IST)

Lal Bahadur Shastri Jayanti: शांति पुरुष लाल बहादुर शास्त्री: वह प्रधानमंत्री जिसने देश का मान बढ़ाया

Life of Lal Bahadur Shastri
Lal Bahadur Shastri biography: लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने अपने सादगीपूर्ण जीवन, दृढ़ नीतियों और 'जय जवान, जय किसान' जैसे प्रेरणादायक नारों से देश को एकजुट किया। उनका नेतृत्व 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान निर्णायक साबित हुआ। वे भारतीय राजनीति के एक आदर्श पुरुष माने जाते हैं, जिनका जीवन सच्चाई, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल है। आज के दिन लाल बहादुर शास्त्री साथ ही महात्मा गांधी की जयंती भी मनाई जाती है।ALSO READ: Gandhi Jayanti 2025: सत्य और अहिंसा के पुजारी को नमन, महात्मा गांधी की जयंती पर विशेष
 
जीवन परिचय: लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, 1904, मुगलसराय (उत्तर प्रदेश) में हुआ था, उनके पिता पिता मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव (स्कूल शिक्षक) और माता रामदुलारी देवी थीं। उनके पिता का देहांत डेढ़ वर्ष की आयु में हो गया। उनका पालन-पोषण ननिहाल में हुआ। बचपन में उन्हें प्यार से 'नन्हें' कहकर बुलाया जाता था।
 
लाल बहादुर शास्त्री ने शिक्षा काशी विद्यापीठ से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। यहीं उन्हें 'शास्त्री' की उपाधि मिली, जो संस्कृत में 'विद्वान' या 'शिक्षक' के लिए प्रयोग होती है, और जो बाद में उनके नाम का स्थायी हिस्सा बन गई।

स्वतंत्रता आंदोलन: स्वतंत्रता संग्राम महात्मा गांधी से प्रेरित होकर 16 वर्ष की आयु में असहयोग आंदोलन (1921) में शामिल हुए। उन्होंने नमक सत्याग्रह (1930) और भारत छोड़ो आंदोलन (1942) में भी सक्रिय भूमिका निभाई और अपने जीवन के लगभग 9 वर्ष ब्रिटिश जेलों में बिताए।
 
राजनीतिक करियर: स्वतंत्रता के बाद वे उत्तर प्रदेश में संसदीय सचिव और मंत्री रहे। केंद्र सरकार तथा जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में रेल मंत्री तथा परिवहन एवं संचार मंत्री, वाणिज्य मंत्री और गृह मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे। फिर वे भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने, और उनका प्रधानमंत्री का कार्यकाल 9 जून, 1964 से 11 जनवरी, 1966 तक रहा। 
लाल बहादुर शास्त्री का महत्वपूर्ण योगदान: लाल बहादुर शास्त्री जी का कार्यकाल छोटा, लेकिन देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहा, जिसमें उनके कुशल नेतृत्व के कारण कई बड़े बदलाव हुए:
 
1. 'जय जवान, जय किसान' का नारा: 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्होंने देश को एकजुट और मजबूत नेतृत्व प्रदान किया। खाद्यान्न संकट और युद्ध की चुनौती के बीच, उन्होंने यह प्रेरणादायक नारा दिया, जिसने देश के सैनिकों (जवानों) के शौर्य और किसानों के श्रम के महत्व को दर्शाया।
 
2. खाद्य आत्मनिर्भरता (हरित क्रांति): उन्होंने देश को खाद्य संकट से उबारने के लिए हरित क्रांति को बढ़ावा दिया। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे सप्ताह में एक दिन उपवास रखें ताकि भोजन की बचत हो सके। उन्होंने श्वेत क्रांति (दूध उत्पादन) को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाए और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) का गठन किया।
 
3. नैतिकता और सादगी: वह सादगी, ईमानदारी और उच्च नैतिक मूल्यों के लिए जाने जाते थे। रेल मंत्री रहते हुए एक बड़ी रेल दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जो भारतीय राजनीति में नैतिकता की एक मिसाल बन गई। शास्त्री जी ने अपने छोटे कद और सादगी के बावजूद, अपने दृढ़ निश्चय और राष्ट्रभक्ति से भारत को कठिन समय में अभूतपूर्व नेतृत्व दिया।
 
मृत्यु: लाल बहादुर शास्त्री जी की मृत्यु 11 जनवरी, 1966 को ताशकंद (उज़्बेकिस्तान) में हुई तथा सम्मान 1966 में मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।