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Last Updated : मंगलवार, 13 फ़रवरी 2024 (18:54 IST)

Indore: महिला ने भीख मांगकर 45 दिन में कमाए 2.50 लाख, विवाद के बाद गिरफ्तार

Indore: महिला ने भीख मांगकर 45 दिन में कमाए 2.50 लाख, विवाद के बाद गिरफ्तार - Woman earned Rs 2.50 lakh by begging in 45 days
इंदौर (मध्यप्रदेश)। इंदौर में एक गैरसरकारी संगठन (NGO) का दावा है कि 40 वर्षीय महिला ने महज 45 दिन में भीख मांगकर 2.50 लाख (2.50 lakh) रुपए कमाए हैं और वह अपनी 8 वर्षीय बेटी समेत 3 नाबालिग संतानों को भी भिक्षावृत्ति में धकेल चुकी है।
 
प्रशासन के साथ मिलकर इंदौर को भिक्षुकमुक्त शहर बनाने की दिशा में काम करने वाले संगठन प्रवेश की अध्यक्ष रूपाली जैन ने मंगलवार को बताया कि हमने इंदौर-उज्जैन रोड के लव-कुश चौराहे पर इंद्रा बाई (40) को हाल में भीख मांगते पकड़ा। हमें उसके पास से 19,200 रुपए की नकदी मिली।
 
जैन के मुताबिक इंद्रा ने उन्हें बताया कि उसने पिछले 45 दिन में भीख मांगकर 2.50 लाख रुपए कमाए जिनमें से 1  लाख रुपए उसने अपने सास-ससुर को भेज दिए, 50,000 रुपए बैंक खाते में जमा किए और 50,000 रुपए सावधि जमा योजना (एफडी) में निवेश किए।
 
राजस्थान में जमीन और 2 मंजिला मकान है: उन्होंने दावा किया कि इंदौर में पेशेवर तौर पर भीख मांगने वाले 150 लोगों के समूह में शामिल महिला के परिवार की राजस्थान में जमीन और 2 मंजिला मकान भी है। जैन ने कहा कि इंद्रा के नाम से उसके पति ने मोटरसाइकल खरीदी है। भीख मांगने के बाद वह और उसका पति इसी मोटरसाइकल पर बैठकर शहर में घूमते हैं।
 
गैरसरकारी संगठन की प्रमुख के मुताबिक महिला का कहना है कि उज्जैन में महाकाल लोक गलियारा बनने के बाद भिक्षावृत्ति से उसके परिवार की कमाई बढ़ गई है, क्योंकि इस धार्मिक नगरी की ओर जाने वाले ज्यादातर श्रद्धालुओं की गाड़ियां इंदौर के लव-कुश चौराहे के यातायात सिग्नल पर रुकती हैं।
 
जैन ने कहा कि इंद्रा बाई के 5 बच्चों में से 2 बच्चे राजस्थान में हैं और वह 3 बच्चों के साथ इंदौर में भीख मांग रही थी। अपने परिवार द्वारा भिक्षावृत्ति में धकेले गए इन बच्चों में शामिल 8 साल की लड़की को बाल कल्याण समिति की निगरानी में रखा गया है।
 
जैन ने कहा कि महिला के 2 लड़के भिक्षावृत्ति उन्मूलन दल को देखकर भाग गए जिनकी उम्र 9 और 10 वर्ष है। बाणगंगा थाने के उपनिरीक्षक ईश्वरचंद्र राठौड़ ने बताया कि भीख मांगने के दौरान पकड़े जाने के बाद इंद्रा ने कथित तौर पर उग्र बर्ताव किया और गैरसरकारी संगठन की एक महिला कार्यकर्ता से विवाद किया।
 
उन्होंने बताया कि 40 वर्षीय महिला को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 151 (संज्ञेय अपराध घटित होने से रोकने के लिए की जाने वाली एहतियातन गिरफ्तारी) के तहत एहतियातन गिरफ्तार किया। उपनिरीक्षक ने बताया कि महिला को एक सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) की अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेज दिया गया।
 
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने देश के 10 शहरों को भिक्षुकमुक्त बनाए जाने की प्रायोगिक (पायलट) परियोजना शुरू की है जिनमें इंदौर भी शामिल है। इंदौर के जिलाधिकारी आशीष सिंह ने बताया कि हमने शहर में भिक्षावृत्ति में धकेले गए सभी बच्चों को बचाने का लक्ष्य तय किया है। अब तक ऐसे 10 बच्चों को बचाकर शासकीय बालगृह भेजा गया है और बच्चों से भीख मंगवाने वाले गिरोहों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।(भाषा)(प्रतीकात्मक चित्र)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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