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Written By WD Feature Desk

रोटरी क्लब इंदौर सेंट्रल ने जनक पलटा मगिलिगन से सीखे सामुदायिक सेवा के सूत्र

रोटरी क्लब इंदौर सेंट्रल ने जनक पलटा मगिलिगन से सीखे सामुदायिक सेवा के सूत्र - rotary club indore central learned the principles of community service from janak palta-magilligan
अध्यक्ष श्रीमति शांता पररेख और रोटेरियन सुधीन्द्र मोहन शर्मा की रिपोर्ट के अनुसार

रोटरी क्लब ऑफ इंदौर सेंट्रल के 24 सदस्यो ने जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट आकर पद्मश्री जनक पलटा दीदी के साथ उनके बंजर टेकरी पर आधे एकड़ में विकसित पूर्णतय आत्मनिर्भर, हरे भरे, शुद्ध जैविक, प्रदूष्णमुक्त, कचरामुक्त परिसर को देख अभिभूत हुए। सोलर ड्रायर, सोलर किचन, विभिन्न प्रकार के सोलर कुकरों पर कुकिंग होती देखी, बायोडायवर्सिटी देखी, अनेक प्रकार के पेड़-पौधे देखें।
 
बिना किसी आर्थिक सहयोग से जनक दीदी अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर लेती हैं और बाजार से वे केवल नमक, चाय-पत्ती खरीदती हैं। अनाज, फल, यहां तक कि साबुन की भी आवश्यकताओं की पूर्ति वे अपनी जमीन के अरीठे से ही करती हैं। अपनी सोलर और पवन ऊर्जा से वे बिजली प्राप्त करती हैं, न केवल खुद के लिए, बल्कि पड़ोस में आदिवासी परिवारों को भी 14 साल से निशुल्क देती हैं।
   
एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से जनक दीदी ने अपनी जीवन यात्रा के बारे में बताया कि वो और उनके पति जिम्मी मगिलिगन, दोनों बहाई सेवा को समर्पित जीवन-साथी थे। सामुदायिक सेवा के लिए अपना, तन-मन और आत्मा के संतुलन और संयम से जीवन के मुख्य उद्देश्य की दिशा में प्रयासरत रहे। जिम्मी जी ने अपने हाथों इस भवन को खुद बनाया और सारी व्यवस्थाएं कर 2011 में एक दुर्घटना से उनका निधन हो गया। 
 
जनक दीदी ने कहा 'ईश्वर की कृपा से यह आत्मबोध हुआ कि 'हमारे पास ये चॉइस नहीं है कि मरेंगे कैसे? लेकिन निश्चित ही यह चॉइस है कि हमें जीना कैसे कैसे है! बस तभी से सस्टेनेबल चॉइस से जी रहीं हूं'। इन शब्दों के साथ जनक पलटा जी से रोटरी सदस्यों को समझ आया कि अपने जीवन को सार्थक बनाने के लिए खुद को मोटिवेट करना होगा! रोटरी क्लब के सदस्यों द्वारा समाज की उन्नति के लिए काम करने के विषय पर उन्होंने कहा कि, जो समय बीत चुका है, उसकी चिंता करने के  बजाए वे बच्चों के विकास पर ध्यान देती हैं ताकि आगे आने वाली पीढ़ियों में सुधार हो, और समाज का भविष्य बेहतर हो।   
 
सेंटर के आस-पास रहने वाले आदिवासी परिवारों के बच्चे भी दीदी के घर प्रतिदिन पढ़ने और सीखने आते हैं। उन बच्चों ने भी अतिथियों से बात की और बताया कि वे किस तरह से दीदी के घर आ कर अपने जीवन में अच्छी बातें उतार रहे हैं। जैसे अपने आस-पास को साफ रखने के साथ ही अपने व्यवहार और बातचीत को भी स्वच्छ और पवित्र रखना।
 
क्लब अध्यक्ष शांता पारेख, क्लब सचिव जयश्री व्यास, कार्यक्रम संयोजक वी के नीमा, पूर्व मंडलाध्यक्ष सोहनलाल पारेख, विजय नारायण मित्तल, कमल भुराड़िया, रमेश तिवारी, जल प्रबंधन विशेषज्ञ सुधीन्द्र मोहन शर्मा एवं अन्य सदस्य और पदाधिकारी उपस्थित थे।   
 
क्लब अध्यक्ष शांता पारेख ने जनक दीदी का आभार मानते हुए कहा कि 'जनक दीदी आप हमारी रोल मॉडल है और असल में सच्ची रोटरी भावना के साथ कार्य कर रही हैं। सभी सदस्यों ने बहुत उत्साह के साथ पूरे सेंटर की गतिविधियों को देखा, बहुत प्रश्न पूछे, पूरी रुचि से सुना, सराहा-समझा और कहा कि आज सात्विक आनंद की अनुभूति हुई।

हम सभी को अपने दैनंदिन जीवन में इन विचारों और क्रियाकलापों को आत्मसात करना होगा। सस्टेनेबल जीवन शैली को अपना कर आने वाली दुनिया के लिए कुछ सार्थक कैसे किया जा सकता है, जिसमे समाज व देश को आगे भी बढ़ाएं व खुद आत्मसंतोष भी मिले'।  
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