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Last Updated :इंदौर , मंगलवार, 17 दिसंबर 2024 (22:57 IST)

MP: डिजिटल अरेस्ट गिरोह को कमीशन पर मुहैया कराया बैंक खाता, 4 विद्यार्थी गिरफ्तार

MP: डिजिटल अरेस्ट गिरोह को कमीशन पर मुहैया कराया बैंक खाता, 4 विद्यार्थी गिरफ्तार - Digital Arrest provided bank account to gang on commission
Digital Arrest gang: लोगों को फर्जी तौर पर डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) करके उन्हें चूना लगाने वाले गिरोह को बैंक खाता मुहैया कराने के मामले में इंदौर पुलिस ने मंगलवार को 4 विद्यार्थियों को गिरफ्तार किया। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अपराध निरोधक शाखा के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रोहन शाक्य, आयुष राठौर, निलेश गोरेले और अभिषेक त्रिपाठी के रूप में हुई है।ALSO READ: महिला को 5 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर ठग लिए 1.40 लाख रुपए
 
उन्होंने बताया कि चारों आरोपी महाविद्यालयों के छात्र हैं जिनमें बी.टेक. (कम्प्यूटर साइंस) का एक और बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए) के 2 विद्यार्थी शामिल हैं। डीसीपी ने बताया कि शाक्य और राठौर सीहोर के रहने वाले हैं जबकि गोरेले और त्रिपाठी भोपाल से ताल्लुक रखते हैं।ALSO READ: साइबर ठगों का कारनामा, महिला को डिजिटल अरेस्ट कर उतरवाए कपड़े, 1.78 लाख भी ठगे
 
त्रिपाठी ने बताया कि शाक्य के बैंक खाते में साइबर ठगी के 15 लाख रुपए भेजे गए थे जिनमें से 10 लाख रुपए निकाल लिए गए थे। उन्होंने बताया कि शाक्य से पूछताछ में 3 अन्य आरोपियों की पहचान हुई, जो साइबर ठगी गिरोह को कमीशन के आधार पर बैंक खाते मुहैया कराने में कथित तौर पर शामिल हैं।
 
डीसीपी ने बताया कि शाक्य के बैंक खाते में 5 लाख रुपए जमा मिले हैं और इस खाते के जरिए लेन-देन पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने बताया कि शाक्य ने इस बैंक खाते को कथित रूप से कमीशन के आधार पर साइबर ठग गिरोह को उपलब्ध कराया था।
 
त्रिपाठी ने बताया कि गिरोह के लोग बैंक खातों को कमीशन के आधार पर हासिल करने के बाद पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लेते हैं। यहां तक कि जिस व्यक्ति के नाम पर खाता खोला गया है, उसे भी बाद में पता नहीं चल पाता कि इस खाते के जरिए किस तरह का लेन-देन हो रहा है?ALSO READ: ये है मुंबई का सबसे लंबा डिजिटल अरेस्ट, 1 महीने वॉट्सऐप कॉल पर रखा, 6 खातों से लूटे 3.8 करोड़
 
उन्होंने बताया कि चारों आरोपियों को इंदौर की 59 वर्षीय महिला को फर्जी तौर पर डिजिटल अरेस्ट करके उससे 1.60 करोड़ रुपए की ठगी के मामले की जांच में मिले सुरागों के आधार पर गिरफ्तार किया गया। डीसीपी ने बताया कि इस मामले में अलग-अलग राज्यों के 7 लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
 
डिजिटल अरेस्ट साइबर ठगी का नया तरीका है। हालांकि डिजिटल अरेस्ट जैसी किसी प्रक्रिया का हकीकत में कोई कानूनी वजूद नहीं होता। ऐसे मामलों में ठग खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल करके डराते हैं और उन्हें गिरफ्तारी का झांसा देकर उनके ही घर में डिजिटल तौर पर बंधक बना लेते हैं।(भाषा)
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