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Last Modified: रविवार, 14 जून 2020 (17:09 IST)

मध्य प्रदेश में Corona पर चढ़ा सियासी पारा, कांग्रेस के 3 नेताओं ने थाने पहुंचकर दी गिरफ्तारी

मध्य प्रदेश में Corona पर चढ़ा सियासी पारा, कांग्रेस के 3 नेताओं ने थाने पहुंचकर दी गिरफ्तारी - Political mercury rises in Madhya Pradesh, 3 Congress leaders reach the police station and arrest
इंदौर। कोविड-19 के प्रकोप पर मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार की नीतियों के विरोध में यहां शनिवार को कांग्रेस के धरने से शुरू हुई राजनीति रविवार को तेज हो गई। धरना देने वाले 4 लोगों में शामिल 2 कांग्रेस विधायकों तथा शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने खुद पुलिस थाने पहुंचकर गिरफ्तारी दी और आरोप लगाया कि पुलिस-प्रशासन प्रमुख विपक्षी दल के साथ पक्षपात कर रहा है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) राजेश व्यास ने बताया कि राजबाड़ा क्षेत्र में कांग्रेस के कुल चार नेताओं के शनिवार के धरने के लिए प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। इस कारण राज्य के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और उनके साथ धरने पर बैठे दो अन्य विधायकों-विशाल पटेल तथा संजय शुक्ला और शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी का आदेश नहीं मानना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।

व्यास ने बताया कि इस मामले में-पटेल और शुक्ला के साथ शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने रविवार को सर्राफा पुलिस थाना पहुंचकर गिरफ्तारी दी। एएसपी ने बताया कि पुलिस ने औपचारिक गिरफ्तारी के बाद तीनों नेताओं को नोटिस तामील कराते हुए आगे की कानूनी प्रक्रिया के तहत उन्हें एक स्थानीय अदालत के सामने 29 जून को हाजिर होने को कहा है।

सर्राफा थाने से रिहा होते ही तीनों नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस व प्रशासन भाजपा की कठपुतली बना हुआ है और सत्तारूढ़ दल के इशारे पर प्रमुख विपक्षी दल के नेताओं के साथ पक्षपातपूर्ण बर्ताव करते हुए उन पर आपराधिक मामले लादे जा रहे हैं।

मामले के चार आरोपियों में शामिल पूर्व मंत्री जीतू पटवारी को पुलिस ने फिलहाल गिरफ्तार नहीं किया है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल के मुताबिक पटवारी रविवार को भोपाल में होने के चलते गिरफ्तारी देने के लिए सर्राफा पुलिस थाने नहीं पहुंच सके।

बहरहाल, देश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में शामिल इंदौर में कांग्रेस का धरना पहले ही राजनीतिक तूल पकड़ चुका है। धरने के दौरान कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया था कि इस महामारी के प्रकोप से निपटने में राज्य की भाजपा सरकार नाकाम रही है और जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है।

इस बीच, प्रमुख विपक्षी दल के इन नेताओं के सामने जमीन पर घुटने टेककर उनसे धरना खत्म करने की मान-मनुहार करने वाले दो सरकारी अफसरों पर तबादले की गाज गिर गई है। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार के अलग-अलग विभागों के शनिवार देर रात जारी आदेशों में अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) राकेश शर्मा और शहर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) डीके तिवारी को मैदानी तैनाती से हटाते हुए उनका तबादला तत्काल प्रभाव से भोपाल कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि शर्मा को सामान्य प्रशासन विभाग में डिप्टी कलेक्टर के पद पर तैनात किया गया है, जबकि तिवारी को पुलिस मुख्यालय में उपाधीक्षक (डीएसपी) के तौर पर तैनात किया गया है। संबंधित वाकए का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भाजपा के कई नेताओं ने दोनों अधिकारियों के आचरण पर आपत्ति जताई थी।(भाषा)
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