ये है इंदौर में रिटायर्ड प्रिंसिपल से 1 करोड़ 70 लाख की सायबर फ्रॉड की कहानी, अलर्ट करने पर भी नहीं माने
इंदौर में पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद भी सायबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब इंदौर में अब तक की सबसे बडी सायबर ठगी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक रिटायर्ड प्रिंसिपल से पौने दो करोड़ (1 करोड़ 70 लाख 45 हजार) की सायबर ठगी हुई है। उन्हें शेयर बजार में तगड़े मुनाफे का झांसा देकर लूट लिया गया।
बता दें कि यह घटना महाराष्ट्र के भंडारा में स्थित आर्डिनेंस फैक्ट्री के स्कूल में प्रिंसिपल रहे सिनियर सिटीजन के साथ हुई, जो अब इंदौर में रहते हैं। इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि जब अकाउंट में रकम ट्रांसफर को लेकर जब बैंक मैनेजर को शक हुआ और जब पुलिस समझाने के लिए प्रिंसिपल के पास पहुंची तो वे मानने के लिए तैयार नहीं थे कि उनके साथ ठगी हुई है
9 खातों में जमा करवा लिए लाखों : पुलिस के मुताबिक महाराष्ट्र के भंडारा में स्थित आर्डिनेंस फैक्ट्री के स्कूल में प्रिंसिपल रहे 84 वर्षीय सीनियर सिटीजन लालच में सायबर अपराध का शिकार हो गए। शातिर अपराधियों ने उनसे शेयर मार्केट में निवेश का झांसा देकर 1 करोड़ 70 लाख 45 हजार रुपए की आनलाइन ठगी कर ली। आरोपी उनसे वर्चुअल नंबरों से बात कर रहे थे और उन्होंने रिटायर्ड प्रिंसिपल से 9 अलग अलग खातों में रुपए जमा करवा लिए।
ऐसे झांसे में ट्रैप किया : क्राइम ब्रांच में एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि 84 वर्षीय सीनियर सिटीजन द्वारा हेल्प लाइन-1930 पर शिकायत दर्ज करवाई गई थी। पीड़ित भंडारा (महाराष्ट्र) स्थित आर्डिनेंस फैक्ट्री के स्कूल में प्रिंसिपल और कोठारी कालेज (इंदौर) में प्रोफेसर रहे हैं। उन्होंने बयानों में बताया कि ठग ने आर्यन आनंद के नाम से काल लगाया था। उसने ट्रेडिंग (फर्जी) व्हाट्सऐस ग्रुप में जोड़ा था। इस ग्रुप के सदस्य निवेश, मुनाफे की चर्चा करते थे। उनके द्वारा जमा करवाए लाखों रुपयों की स्लिप और स्क्रीन शाट भी साझा करते थे। यह सब देखकर उन्हें भरोसा हो गया था।
पहले एप इंस्टाल करवाया फिर : ग्रूप में एड होने के बाद वे सायबर अपराधियों के झांसे में आ गए और शेयर बाजार में अपना धन निवेश के लिए तैयार हो गए। ठग ने उन्हें stock.mscl-vip.top की लिंक भेजी और एक एप इंस्टाल करवा लिया। सीनियर सिटीजन ने आरोपितों के बताए अनुसार 9 बार में एक करोड़ 70 लाख 45 हजार रुपए जमा करवा दिए। आरोपित उनको आश्वस्त करते रहे कि उनके द्वारा निवेश की राशि का मुनाफा मिलेगा।
बैंक अकाउंट को फ्रीज करवा दिया : पुलिस के मुताबिक फर्जी एप में निवेश की राशि मुनाफा सहित दिखाई जाती थी। रुपए आहरित करने पर आरोपितों ने अलग-अलग बहाने बनाए और अंत में नंबर बंद कर लिए। बुधवार को पीड़ित द्वारा सायबर हेल्पलाइन पर शिकायत की गई। पुलिस ने तत्काल आरोपितों के बैंक खातों को फ्रीज करवा दिया।
पीड़ित ने मदद लेने से किया इनकार : इस पूरे केस में सबसे दिलचस्प बात यह है कि इतना सबकुछ होने के बाद भी पीड़ित इस कदर अपराधियों के झांसे में आ गया था कि उन्होंने पुलिस की मदद तक लेने से इनकार कर दिया था। दरअसल, 9 अलग अलग खातों में जब बडी मात्रा में रकम ट्रांसफर की गई तो बैंक के मैनेजर को शक हुआ, जिसके बाद उन्होंने खाते की जांच की। जांच में पता चला कि खाता संदिग्ध है। इसके बाद मैनेजर ने डीसीपी क्राइम को फोन कर के इसकी जानकारी दी। एडीसीपी खुद वृद्ध के पास पहुंचे और उनकी काउंसलिंग की। लेकिन वृद्ध मानने के लिए तैयार नहीं थे कि उनके साथ ठगी हुई है और उन्होंने पुलिस की मदद लेने से इनकार कर दिया। बाद में उन्हें अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ और एडीसीपी को कॉल लगाकर शिकायत दर्ज करवाई। डीएसपी दंडोतिया ने बताया कि संदिग्ध खातों को फ्रीज कर दिया गया है और जांच की जा रही है।
Edited By: Navin Rangiyal