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Last Updated : शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025 (14:10 IST)

इंदौर में ब्रेकर बने जान के दुश्‍मन, न मार्ग संकेतक न पुताई की, क्‍या हाल बना रहे स्‍मार्ट सिटी का

Breakers
इंदौर को स्‍मार्ट सिटी बनाने की कवायद चल रही है, दूसरी तरफ कुछ वक्‍त में मेट्रो का सफर शुरू हो जाएगा, लेकिन शहर की सडकों की हालत बेहद खराब होती जा रही है। स्‍पीड ब्रेकर की वजह से लोगों की जान जा रही है तो वहीं आए दिन हादसे हो रहे हैं।

हालत यह है कि कहीं स्‍पीड ब्रेकर पर रंग पुता हुआ नहीं है तो कहीं मार्ग संकेतक ही गायब है। वाहन चालकों को इन लापरवाहियों का शिकार होना पड़ रहा है। न ट्रैफिक विभाग को और न ही नगर निगम को आम वाहन चालकों की जान की फिक्र है। बता दें कि इंदौर-देवास 6 लेन बायपास के पटेल नगर जंक्शन पर मंगलवार को हादसे में दंपती की मौत हो गई थी।

एक साल में 20 मौतें, 260 घायल : कितनी ताज्‍जूब की बात है कि तेजी बढते शहर में सिर्फ सडक पर हुए हादसों में 8 मौतें हो गई, हैरान करने वाली बता है कि अवैध कट से ही 12 मौत हो गई है। जबकि 260 से ज्‍यादा लोग घायल हो गए। छोटे मोटे मिलाकर अब तक कुल 400 हादसे एक साल में हो गए हैं। इन हादसों की वजह स्‍पीड ब्रेकर, मार्ग संकेतक का न होना और स्‍पीड ब्रेकर के साइन बोर्ड नहीं होना है।

क्‍या कहते हैं आम लोग : आम लोगों का कहना है कि सडकों की हालत खराब है। कई बार हादसे हो चुके हैं। गिरधर शर्मा ने बताया कि बायपास पर इसी प्रकार स्पीड ब्रेकर पर अनियंत्रित होकर 2 बड़े हादसे हो चुके हैं। इसमें एक हादसा बाइक सवार जैन दंपती के साथ हुआ था। किशोर पुरोहित का कहना है कि एक अन्य हादसे में बाइक सवार युवक की जान गई थी। बायपास क्षेत्र के अन्‍य रहवासियों का कहना है कि डायवर्शन में गफलत ज्यादा होने से दिक्कत हो रही है।
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इंदौर- देवास बायपास पर हादसे : बता दें कि इंदौर-देवास 6 लेन बायपास के पटेल नगर जंक्शन पर इसी मंगलवार को हादसे में एक दंपती की मौत हो गई। बता दें कि थ्री लेयर फ्लायओवर व अंडरपास के लिए यहां जब से डायवर्शन लागू हुआ है, लगातार हादसे हो रहे हैं। इस पॉइंट पर ट्रैफिक सिग्नल लगाकर मीडियन में कट दिया गया है, जहां से यू-टर्न लिया जा सकता है। रोज 30 से 40 हजार गाड़ियां गुजरती हैं। ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, एक साल में बायपास पर 400 हादसे हुए, जिनमें 38 लोगों की जान गई। ये प्रोजेक्ट 2026 में पूरा हो सकता है।
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इन इलाकों की हालत खराब : शहर के प्रमुख इलाके छोड़ दें तो बायपास जैसी नेमावर रोड, देव गुराडिया, पालदा रोड बायपास, जिला जेल रोड, छावनी उषागंज स्कूल रोड, अनाजमंडी रोड, जबरन कालोनी रोड, पलसीकर रोड जैसी सड़कों की हालत बेहद खराब है। यहां जब वेबदुनिया ने सड़कों की हालत देखी तो सामने आया कि कहीं भी मार्ग संकेतक नहीं है, न ही किसी स्‍पीड ब्रेकर पर रंग पोता गया है। रात में गुजरने वाले वाहन चालक अक्‍सर सड़क हादसों का शिकार होते हैं। इस संबंध में ट्रैफिक विभाग के प्रभारी अरविंद तिवारी से चर्चा करना चाही तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।
Edited By: Navin Rangiyal