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  4. Why is the bad traffic of the Indore not coming back on track
Last Updated : बुधवार, 5 फ़रवरी 2025 (16:13 IST)

क्‍यों पटरी पर नहीं आ रहा देश के सबसे स्‍वच्‍छ शहर इंदौर का बदहाल ट्रैफिक, सारे प्रयोग हो रहे फैल, क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट?

स्‍ट्रक्‍चर इंजीनियर ने बताया क्‍यों बार बार फेल हो रहे इंदौर ट्रैफिक के प्रयोग?

indore traffic
न रेड सिग्‍नल की परवाह, न लेफ्ट टर्न की खबर। तकरीबन इंदौर के हर चौराहे पर जाम। कहीं कोई ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी नहीं। जिन चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, वहां से पुलिस जवान गायब। वाहन चालकों को न चालान का डर न सीसीटीवी का भय। जगह जगह अतिक्रमण ने सड़कों को संकरा कर दिया। इस पर अवैध रूप से चलती ई रिक्‍शाओं की मनमानी ने पूरे शहर के ट्रैफिक का कबाड़ कर दिया है। हालत यह है कि ट्रैफिक विभाग अब तक इंदौर में कई तरह के प्रयोग कर चुका है लेकिन हर बार ये नया प्रयोग फ्लॉप हो जाता है। न तो वन वे के प्रयोग सफल हो रहे हैं और न ही नो व्‍हीकल जोन का कोई फायदा। न ई रिक्‍शा पर कोई लगाम है और न ही वाहन चालकों में यातायात नियमों को तोड़ने पर पुलिस कार्रवाई का कोई भय है।

क्‍या कहते हैं ट्रैफिक विशेषज्ञ : इंदौर में स्‍ट्रक्‍चर इंजीनियर अतुल सेठ ने वेबदुनिया को बताया कि सबसे बड़ी खामी नगर नियोजन की है। इंदौर का आदमी रहता कहा हैं, काम कहां करता है और जाता कहां है। यह दिक्‍कत है। दूसरा सड़कों पर अतिक्रमण एक दूसरी वजह है। दुकानों के सामने ही वाहन लग रहे हैं निगम सोया है। फुटपाथ नजर नहीं आते। तीसरा यह कि  यातायात विभाग में एक भी ट्रैफिक इंजीनियर नहीं है। शायद पूरे मप्र में ट्रैफिक इंजीनियर नहीं है। ऐसे में विभाग अपने मन से ही सारे प्रयोग करता है। चौथा यह कि पूरे विभाग में 1100 कर्मचारी हैं। यह स्‍टाफ भी शिफ्ट में काम करता है तो आधे हो जाते हैं। कई मोर्चों पर चीजों में सुधार कर जरुरत है।
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क्‍यों फेल हो रहे प्रयोग : बता दें कि इंदौर ट्रैफिक विभाग सुधार के लिए लगातार प्रयोग कर रहा है, लेकिन हर बार विभाग का यह प्रयोग फैल होता जा रहा है। ट्रैफिक सुधार के लिए पिछले 3 महीनों में प्रयोग किए गए, वे सब फैल रहे। प्रशासन ने अधिसूचना जारी कर जवाहर मार्ग को वन-वे किया था, लेकिन एक माह भी उसका ठीक से पालन नहीं हो सका। अब दोनों तरफ से जवाहर मार्ग पर वाहन आ-जा रहे है।

ई- रिक्‍शा पर नहीं लगाम : इंदौर के ट्रैफिक को बदहाल करने में सबसे बड़ा हाथ यहां चलने वाली ई रिक्‍शा का है। राजवाड़ा के सामने ई रिक्शा की रोक के फैसले पर अब तक कोई अमल नहीं हो पाया। वहीं, शहरभर में ई रिक्‍शा बेलगाम हो गए हैं। ये कहीं भी रूकते हैं, कहीं से भी मूड़ते हैं और बीच सड़क में खड़े रहते हैं। आम वाहन चालक परेशान होते हैं। लेकिन इन पर प्रशासन का कोई कंट्रोल नहीं है, कोई मॉनिटरिंग नहीं है। इनकी संख्या शहर में बढ़ गई है।

सीसीटीवी लगे, जवान हटे : इंदौर में 34 से अधिक चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लग गए हैं। वाहन चालकों की गलती को कैमरे कैद कर लेते हैं और आनलाइन चालान जनरेट हो जाता है। इसी वजह से चौराहों से ट्रैफिक पुलिस हटा दी गई है। ट्रैफिक पुलिस हटने की वजह से भी लगातार जाम बढ़ रहा है। लोग मनमानी करते हैं और कहीं से भी गाड़ी निकालने लगते हैं। हालात यह है कि हर वाहन चालक अपनी मर्जी से सड़कों पर चल रहे हैं। वहीं, कई ऐसे वाहन चालक हैं, जिनके रूल्‍स तोड़ने पर भी उनके पास ई-चालान नहीं पहुंच रहे हैं।

अतिक्रमण भी बदहाल ट्रैफिक की वजह : बता दें कि शहर में ट्रैफिक की बदहाली के पीछे अतिक्रमण भी एक बडी वजह है। कई जगह दुकानदारों ने अपना सामान रोड तक फैला लिया है। अब इंदौर नगर निगम सीमा में अवैध कॉलोनियों की बसाहट के खिलाफ नगर निगम ने मुहिम शुरू की है। जहां निगम ने करीब 35 से अधिक कॉलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जल्द ही इन कॉलोनियों में रिमूवल की कार्रवाई की जाएगी।
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कहां लगता है सबसे ज्‍यादा जाम : इंदौर में यूं तो कई जगह जाम की स्‍थिति बनती है, लेकिन बायपास पर बने अंडर पास, मेट्रो का पूरा रूट, लवकुश ब्रिज, जवाहर मार्ग, सांवेर रोड, खजराना, पाटनीपुरा, मालवा मिल, जंजीर वाला चौराहा, रसोमा लेबोरेटरी, कालानी नगर चौराहा, अनोप टॉकीज चौराहा, चंद्रगुप्त मोर्य प्रतिमा चौराहा, मारुति नगर चौराहा पर हर दिन शाम को ट्रैफिक जाम रहता है। इन चौराहों पर आए दिन ट्रैफिक उलझता है और जाम लगता है।

कहां- कहां बदहाल हुए चौराहे : बड़ा गणपति, गोपुर, देवास नाका, बॉम्बे हॉस्पिटल, पाटनीपुरा, रसोमा, गीता भवन, मधुमिलन, मालवा मिल, यशवंत निवास रोड, आर एस भंडारी रोड, राजीव गांधी चौराहा, भंवरकुआं, आइटी पार्क, विजय नगर, लवकुश चौराहा, बापट चौराहा, नौलखा सहित अन्य चौराहे ट्रैफि के लिहाज से पूरी तरह से अस्‍तव्‍यस्‍त हो गए हैं।
Edited By: Navin Rangiyal
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