इंदौर के रजिस्ट्री ऑफिस में बजेंगे किशोर कुमार, लता मंगेशकर और रफी के गाने, ये है वजह, प्रदेश में पहली बार प्रयोग
सर्वर डाउन है तो संगीत सुनो। जी हां, कुछ इसी तरह के मकसद से इंदौर के पंजियन कार्यालय यानी रजिस्ट्री ऑफिस में अब गाने बजाने की सुविधा शुरू की जा रही है। अब इंदौर के मोती तबेला स्थित रजिस्ट्री ऑफिस में किशोर कुमार, लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी, मन्ना डे और आशा भोसले के गाने सुनाए जाएंगे। इस तरह का यह प्रयोग प्रदेश में पहली बार किया जा रहा है। अगर यह सफल रहता है तो इंदौर के दूसरे पंजियन कार्यालयों में भी इस तरह की पहल की जाएगी।
दिलचस्प बात तो यह है कि पंजियन कार्यालय की यह पहल रजिस्ट्री करने वाले सर्वर डाउन होने की दिक्कतों की भरपाई करने के लिए की जा रही है। दरअसल, आए दिन रजिस्ट्री करने वाला सर्वर डाउन हो जाता है, ऐसे में लोगों को अपनी बारी का इंतजार करने के लिए ऑफिस में कई घंटों तक बैठना पडता है। उनका टाइम कट जाए और वे बोर न हो इस लिहाज से यहां अब साउंड सिस्टम लगाकर गाने सुनाए जाएंगे। इस साउंड सिस्टम पर लता मंगेशकर, मन्ना डे, आशा भोंसले, किशोर कुमार, मुकेश के गाने सुनाए जाएंगे। बता दें कि रियल स्टेट में अग्रणी शहर में अलग-अलग स्थान पर पंजीयन कार्यालय खोल दिए गए हैं। मुख्य पंजीयन कार्यालय अभी भी मोती तबेला में कलेक्टर कार्यालय के पीछे ही स्थित है।
प्रयोग कर के देख रहे : पंजीयन कार्यालय के अधिकारियों का इस बारे में कहना है कि यह शुरुआत प्रयोग के तौर पर की जा रही है। यदि मोती तबेला के कार्यालय में यह प्रयोग सफल रहता है तो इंदौर शहर में विभिन्न क्षेत्रों में बनाए गए सभी पंजीयन कार्यालय में इस प्रयोग का इस्तेमाल किया जाएगा।
प्रदेश में पहली बार : बता दें कि मध्यप्रदेश में किसी भी शहर में पंजीयन कार्यालय में इस तरह संगीत या गाने बजाने की व्यवस्था नहीं की गई है। इंदौर में प्रदेश में पहली बार ही इस तरह की व्यवस्था को लागू किया जा रहा है। पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा राजस्व इंदौर के ही पंजीयन कार्यालय द्वारा दिया जाता है। यह लोगों के टाइम काटने और वे बोर न हो इसलिए किया जा रहा है।
बड़ी संख्या में होती है रजिस्ट्री: इस मुख्य कार्यालय पर बड़ी संख्या में नागरिक अपनी संपत्ति का पंजीयन करवाने के लिए आते हैं। इन नागरिकों को कार्यालय में आने के बाद भी काफी समय तक अपना नंबर आने और सर्वर डाउन हो जाने की स्थिति में सरवर के वापस चालू होने का इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में यह लोग पंजीयन कार्यालय में बैठे हुए परेशान होते रहते हैं। इन लोगों के पास समय काटने के लिए कुछ भी नहीं होता है। ऐसे में अमूमन व्यक्ति अपने मोबाइल में ही व्यस्त हो जाता है।
Edited By: Navin Rangiyal