दादा धनीराम कौन थे, जानें उनके कार्य
दादा धनीराम बहुत लोकप्रिय संत थे। उनके अनुयायी उन्हें भगवान का रूप मानते थे। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी पुण्यतिथि पर लाखों लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने आते हैं। इस दिन विभिन्न धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
जीवन परिचय: एक दिव्य व्यक्तित्व के धनी दादा धनीराम का जन्म मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम अज्ञात है। उन्होंने अपना जीवन सादगी और तपस्या में बिताया। उन्होंने गरीब, असहाय तथा जरूरतमंदों की सेवा हेतु अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया।
उन्होंने जनसेवा के लिए कई काम किए, जिसमें मुफ्त शिक्षा, चिकित्सा और भोजन की व्यवस्था की। दादा धनीराम ने लोगों को प्रेम, एकता और भाईचारे का संदेश दिया। उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों और अंधविश्वासों के खिलाफ आवाज उठाई।
उपदेश : दादा धनीराम के उपदेश सरल और व्यावहारिक होते थे। वे लोगों को प्रेम, दया और करुणा का पालन करने की शिक्षा देते थे। वे कहते थे कि ईश्वर एक है और सभी धर्मों का सार एक ही है। उन्होंने जरूरतमंदों की सेवा के दौरानलोगों को जात-पात, ऊंच-नीच और भेदभाव से दूर रहने की शिक्षा दी।
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