Ghats of Godavari River: गोदावरी नदी के 5 सबसे खूबसूरत घाट, जहां मिलेगी शांति और आनंद
Tourist Places of Godavari River: गोदावरी नदी धार्मिक दृष्टि से बहुत पवित्र मानी जाती है। गोदावरी की उपनदियों में प्रमुख हैं प्राणहिता, इन्द्रावती और मंजिरा। इस नदी की प्रमुख शखाएं हैं:- गौतमी, वसिष्ठा, कौशिकी, आत्रेयी, वृद्धगौतमी, तुल्या और भारद्वाजी। इस नदी की कुल लंबाई करीब 1,465 किलोमीटर है। इस नदी पर कई सुंदर और सुकूनभरे तट विद्यमान है। उन्हीं में से 5 घाटों के नाम।
गोदावरी के प्राकृतिक घाट: Major Ghats of Godavari River:
1. त्र्यम्बकेश्वर : त्र्यम्बकेश्वर में गोदावरी के तट पर ही 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है। गोदावरी के तट पर भगवान राम ने अपना वनवास काटा था। यहां के घाट पर बैठक बहुत ही आनंद प्राप्त होता है। त्र्यंबकेश्वर से पहले कुशावर्त सरोवार है। यह गोदावरी नदी का पहला बड़ा प्राकट्य स्थल है। ब्रह्मगिरि से यहां तक गोदावरी मध्यम मध्यम झलकती हुई बहती है। सरोवर के चारों कोनों पर छोटे-छोटे चार मंदिर भी हैं। नैऋत्य में साक्षी विनायक, अग्नि में केदारेश्वर, वायव्य में कुशेश्वर महादेव और ईशान कोने पर स्वयं गोदावरी का मंदिर है।
2. नासिक : त्र्यम्बकेश्वर के पास ही नासिक है। रामायण में वर्णित पंचवटी यहीं पर है जहां से माता सीता का हरण हुआ था। यहीं पर नदी के तट पर कुंभ पर्व का आयोजन होता है।
3. पट्टीसम पैटिसम: पट्टीसम गोदावरी नदी के तट पर स्थित एक सुंदर स्थान है। यह पश्चिम गोदावरी जिले में राजमुंदरी शहर के केंद्र से 30 किमी दूर स्थित है। पट्टीसम में आपको 2 मंदिर मिलेंगे। पहला है श्री भाव नारायण स्वामी और दूसरा है श्री वीरभद्र स्वामी। चार पंचकाशी क्षेत्रों (काशी, केदारनाथ, श्रीशैलम और कालाहस्ती) के बाद पट्टीसम उनमें से पांचवां है। यहां का घाट बहुत हीस सुंदर है।
4. मारेडुमिलि: राजमुंदरी शहर के केंद्र से लगभग 90 किमी दूर एक छोटा सा शहर है। हालांकि यह स्थान शहर से काफी दूर है, लेकिन बहुत ही रमणीय स्थान है। यह स्थान अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, जो घने पेड़ों से घिरा हुआ है और एक-दूसरे के काफी करीब लुभावने झरने हैं।
5. पप्पी हिल्स : तेलुगु में इसे पापीकोंडालू के नाम से भी जाना जाता है। यह पूर्वी घाट में स्थित हैं जहां पवित्र गोदावरी नदी पूर्वी हिस्से की ओर बहती है। खूबसूरत पापी हिल्स घने हरे जंगलों से घिरा हुआ है। यह स्थान अपने छोटे झरनों, समृद्ध वनस्पतियों और जीवों और घने वर्षा वनों के लिए प्रसिद्ध है। यह वह स्थान है जहां गोदावरी नदी की चौड़ाई सबसे कम लगभग 1 किमी है।