Ghats of Narmada : भारत के मध्यप्रदेश और गुजरात में बहने वाली नर्मदा नदी देश की प्रमुख नदियों में से एक है। पुराणों में इसका उल्लेख रेवा के नाम से मिलता है। अमरकंटक से निकलकर यह नर्मदापुरम, नेमावर के आगे ओंकारेश्वर होते हुए ये नदी गुजरात में प्रवेश करके खम्भात की खाड़ी में इसका विलय हो जाता है। नर्मदा जी की यह यात्रा लगभग 1,312 किलोमीटर की है। इस बीच कई सुंदर पहाड़ों और जंगलों को पार करती है। नर्मदा के सैंकड़ों तट हैं जहां पर प्राचीन तीर्थ बने हैं लेकिन 6 स्थान ऐसे है जहां जाकर आप शांति और आनंद का अनुभव करेंगे।
नर्मदा तट के शहर : नर्मदा नदी के तट पर अमरकंटक, जबलपुर, नरसिंहपुर, नर्मदापुरम, निमाड़, मंडला, ओंकारेश्वर, मंडलेश्वर, महेश्वर, बड़वानी, झाबुआ, धार, बड़वाह, सांडिया, बालकेश्वर, बिमलेश्वर, कोटेश्वर, धर्मराय, कातरखेड़ा, शूलपाड़ी की झाड़ी, हस्तीसंगम, छापेश्वर, गरुड़ेश्वर, चंदोद, भरूच इत्यादि नगर बसे हुए हैं।
1. अमरकंटक : यहां से नर्मदा निकलती है। यह बहुत ही शांतिपूर्ण स्थान है। यहां के घाट भी बहुत ही मनमोहक हैं। चारों और प्राकृतिक सुंदरता के बीच आपका मन प्रफुल्लित हो जाएगा।
2. नर्मदापुरम: पहले इसे होशंगाबाद कहा जाता था। यहां का सेठानी घाट बहुत ही शांति और आनंद देने वाला है। यह घाट बनारस के घाटों की याद दिलाता है।
3. भेड़ाघाट : जबलपुर में स्थित भेड़ा घाट जाकर आप अचंभित तो होंगे ही साथ ही यहां के धुआंधार जलप्रपात को देखकर सुकून भी महसूस करेंगे। दो संगमरमर के पहाड़ों के बीच से नर्मदा बहती हुई देखा बहुत ही फ्रफुल्लित कर देने वाला है।
4. नेमावर : देवास जिले में स्थित नेमावर एक प्राचीन नगर है जहां पर नर्मदा का नाभि स्थल है। कहते हैं यहां एक भवंर है जहां से नर्मदा का पानी पाताल में चला जाता है। यहां सबसे ज्यादा सुकून भरा तट है इसी के पास प्राचीन शिव मंदिर है।
5. महेश्वर : महेश्वर के घाट भी बहुत ही सुंदर है। यहां पर नर्मदा की चौड़ाई नेमावर और नर्मदापुरम की तरह ही है। यहां पर सुबह और शाम को नर्मदा को देखना बहुत ही सुकून भरा है।
6. ओंकारेश्वर : ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भी नर्मदा के तट पर स्थित है। यहां का तट बहुत ही सुंदर है परंतु नर्मदा पर बांध बनने के कारण अब यह स्थान पहले जैसा नहीं रहा।
संकलन- अनिरुद्ध जोशी