जिस तर्क से बना था गठबंधन, वह साबित शुद्ध कुतर्क हुआ।
उधर शाह की टीम का सटीक अंडरग्राउंड वर्क हुआ।
बह गए सारे दावे जीत के गंगा की धार में,
मोदी की महासुनामी में उन सबका बेड़ा गर्क हुआ।।1।।
नादान की दोस्ती के गठबंधन बने क्या खूब नए।
जिनके सिरफिरे बयानों को सुन-सुनकर लोग थे ऊब गए।
काश! हाथ के पंजे पर दुर्भाग्य की लकीरें कोई पढ़ लेता।
वे तो खुद डूबे ही थे, अब साथी को लेकर डूब गए।।2।।
न साइकल के पंचर से, न हाथी के खाए वोटों की घास-पत्ती से।
न फटे कुर्ते वाले के दिमाग की जलती-बुझती बत्ती से।
चुनावी चौगान में गिरे अखिलेश औंधे मुंह।
खुद के ही पैदा किए काल्पनिक गधे की दुलत्ती से।।3।।
निपट गए राहुल यूपी में, पंजाब में केजरीवाल।
चारों राज्यों में हुए विरोधी क्षत-विक्षत, बेहाल।
ढहा अभेद्य किला यूपी में सपा का भी, बसपा का भी,
मोदी-शाह की चुनावी सर्जिकल स्ट्राइक ने किया कमाल।।4।।
उलट गए अनुमानों के सारे थाल गुलाल के।
फूट गए गुब्बारे सारे, अरमानों की माल के।
उम्मीदों के सजे हार सब, हार में हो तब्दील गए,
जली होली आकांक्षाओं की, बंगले पर केजरीवाल के।।5।।