रविवार, 7 सितम्बर 2025
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Written By WD

गुलाबों ने कहा हँस के...

- त्रिलोचन

त्रिलोचन
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बहुत दिन बाद कोयल
पास आकर बोली है,

पवन ने आके धीरे से
कली की गाँठ खोली है।

लगी है कैरियाँ आमों में,
महुओं ने लिए कूचे,

गुलाबों ने कहा हँस के
हवा से अब तो होली है।