दो साल बाद लखनऊ पुस्तक मेले में होगा हजारों लेखकों-पाठकों का समागम
कोरोना काल और लॉकडाउन ने साहित्यिक गतिविधियों पर पूरी तरह से लॉक लगा दिया था। ऐसे में साहित्यक मेले भी आयोजित नहीं हो पाए। अब करीब दो साल बाद लखनऊ में पुस्तक मेले का आयोजन होने जा रहा है, जिसमें देशभर के लेखक, कवि, साहित्यकार और पाठक शिरकत करेंगे।
इस बार के पुस्तक मेले की थीम आज़ादी का अमृत महोत्सव रखा गया है। इस मेले में देशभर से प्रकाशक अपनी पुस्तकों का प्रदर्शन करने के लिए लखनऊ आ रहे हैं।
लखनऊ में हर वर्ष आयोजित होने वाला यह राष्ट्रीय पुस्तक मेला 1 अक्टूबर से शुरू हो चुका है। दस दिन चलने वाला यह पुस्तक मेला मोती महल लॉन में आयोजित हो रहा है।
मेले के आयोजक मनोज सिंह ने मीडिया में जानकारी दी कि चूंकि मेला कोरोना महामारी के बाद पहली बार आयोजित किया जा रहा है और कोरोना संक्रमण का असर अभी भी है, इसलिए मेले में सरकार की गाइड लाइनों का पूरी तरह से पालन हो, इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस बार के पुस्तक मेले की थीम आज़ादी का अमृत महोत्सव है। मेले में देशभर से प्रकाशक अपनी पुस्तकों का प्रदर्शन करने के लिए लखनऊ आ रहे हैं।
पुस्तक मेले को लेकर प्रकाशकों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। इसमें लेखकों और पाठकों के बीच सीधा संवाद हो सकेगा। लेखकों को पाठकों की रुचि के बारे में पता चलता है कि आज का पाठक क्या पढ़ना पसंद करता है। साथ ही पाठकों को तमाम प्रकाशकों की पुस्तकें एक ही स्थान पर देखने को मिलेगी।
मेले में कई नई पुस्तकें भी आएंगी। पुस्तकों के लोकार्पण कार्यक्रम होंगे। इसके अलावा लेखकों से संवाद आदि कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।