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Last Updated : मंगलवार, 28 सितम्बर 2021 (12:29 IST)

निधन के बाद सोशल मीडि‍या में चर्चि‍त हो रही लेखि‍का कमला भसीन की कविता 'उमड़ती लड़कियां'

निधन के बाद सोशल मीडि‍या में चर्चि‍त हो रही लेखि‍का कमला भसीन की कविता 'उमड़ती लड़कियां' - Kamla Bhasin Death, kamla bhasin, poetry, poem
हाल ही में मशहूर लेखिका कमला भसीन का निधन हो गया। वे नारीवाद लेखन के लिए जानी जाती थीं। उन्‍होंने नारीवाद और पितृसत्ता पर कई किताबें लिखी थीं। उनके निधन के बाद सोशल मीडि‍या में उनकी कविता 'उमड़ती लड़कियां' काफी शेयर की गई। हालांकि उनकी और भी कई कविताएं बहुत चर्चि‍त रही। आइए पढ़ते हैं उनकी हाल ही में सबसे ज्‍यादा शेयर की गई कविता 'उमड़ती लड़कियां'

हवाओं सी बन रही हैं लड़कियां
उन्हें बेहिचक चलने में मज़ा आता है
उन्हें मंज़ूर नहीं बेवजह रोका जाना
फूलों सी बन रही हैं लड़कियां
उन्हें महकने में मज़ा आता है
उन्हें मंज़ूर नहीं बेदर्दी से कुचला जाना
परिंदों सी बन रही हैं लड़कियां
उन्हें बेख़ौफ़ उड़ने में मज़ा आता है
उन्हें मंज़ूर नहीं उनके परों का काटा जाना
पहाड़ों सी बन रही हैं लड़कियां
उन्हें सर उठा कर जीने में मज़ा आता है
उन्हें मंज़ूर नहीं सर को झुका कर जीना
सूरज सी बन रही हैं लड़कियां
उन्हें चमकने में मज़ा आता है
उन्हें मंज़ूर नहीं पर्दों से ढका जाना

भारतीय विकास नारीवादी कार्यकर्ता, कवयित्री, लेखिका और सामाजिक विज्ञानी कमला भसीन का 25 सितंबर को निधन हो गया। वे 75 वर्ष की थीं। वे कैंसर से पीड़ित थीं। कमला भसीन का जन्म 24 अप्रैल, 1946 को हुआ था। उनके पिता राजस्थान में चिकित्सक थे। राजस्थान यूनिवर्सिटी से परास्नातक तक की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने जर्मनी में समाजवादी विकास विषय पर पढ़ाई की।

कमला भसीन के निधन पर अभिनेत्री शबाना आज़मी ने अपने ट्विटर पर लिखा है, “मुझे हमेशा से लगता था कि कमला भसीन अजेय थीं और वह अंत तक अजेय रहीं। उनकी कथनी और करनी में किसी तरह का विरोधाभास नहीं था”

खास बात है कि उनके गीत, सरल भाषा पाठकों तक आसानी से पहुंच गई। उनकी कई पुस्तकों का कई भाषाओं में अनुवाद हुआ है।
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