Tingling in Feets : रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (RLS) एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसे जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक कोई भी व्यक्ति अनुभव कर सकता है। इसमें व्यक्ति को पैरों में असहजता, झनझनाहट, खुजली या पैरों को हिलाने की तीव्र इच्छा महसूस होती है, खासकर रात के समय। यह समस्या अक्सर सोने में मुश्किल पैदा कर देती है और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती है। आइए जानते हैं रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के बारे में विस्तार से, इसके लक्षण और इससे बचने के उपाय।
रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के लक्षण
रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के लक्षण वयस्कों और बच्चों में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं :
1. पैरों में असहजता :
रात के समय या जब आप शांत बैठते हैं, तो आपके पैरों में बेचैनी महसूस होती है। यह असहजता या हल्की खुजली की तरह हो सकती है, जो पैरों को हिलाने की इच्छा पैदा करती है।
2. पैरों को हिलाने की अनियंत्रित इच्छा :
विशेष रूप से रात के समय, आपको पैरों को हिलाने या इधर-उधर करने की तीव्र इच्छा होती है। यह आपको सोने में कठिनाई पैदा कर सकता है।
3. झनझनाहट और दर्द :
कुछ लोगों को पैरों में जलन, झंझनाहट या दर्द की भावना होती है, जो उन्हें नींद में बाधा डालता है।
4. रात के समय लक्षणों का बढ़ना :
रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के लक्षण आमतौर पर रात के समय या सोने से पहले अधिक बढ़ जाते हैं। दिन में यह लक्षण कम हो सकते हैं, लेकिन जैसे-जैसे रात बढ़ती है, पैरों में असहजता बढ़ जाती है।
रेस्टलेस लेग सिंड्रोम से कैसे बचें?
रेस्टलेस लेग सिंड्रोम से बचने या इसके लक्षणों को कम करने के लिए कुछ असरदार उपायों को अपनाया जा सकता है :
1. आयरन और मिनरल्स की कमी पूरी करें
आयरन, मैग्नीशियम और फोलिक एसिड की कमी को पूरा करने के लिए ताजे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडे, मांस और अनाज का सेवन करें। आयरन और अन्य मिनरल्स का स्तर संतुलित बनाए रखें।
2. नींद की आदतों में सुधार करें
रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए सही नींद लेना बहुत जरूरी है। नियमित समय पर सोने और जागने की आदत डालें। साथ ही, सोने से पहले आरामदायक माहौल बनाए रखें।
3. कैफीन और शराब से बचें
कैफीन और शराब से रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के लक्षण बढ़ सकते हैं। इनसे बचने की कोशिश करें, खासकर रात के समय।
4. तनाव कम करें
मानसिक तनाव और चिंता के कारण रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के लक्षण बढ़ सकते हैं। योग, ध्यान और गहरी सांस लेने की तकनीकें तनाव को कम करने में मदद करती हैं।
5. पैरों की मालिश करें और गर्म स्नान लें
सोने से पहले पैरों की हल्की मालिश करने से आराम मिलता है। इसके अलावा, गर्म पानी से स्नान करने से भी पैरों की मांसपेशियों को आराम मिलता है और लक्षणों को कम किया जा सकता है।
6. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं
पैरों को आराम देने के लिए नियमित व्यायाम करें, खासकर हल्की वॉकिंग, योग या स्ट्रेचिंग। यह रक्त संचार को बेहतर बनाता है और पैरों की मांसपेशियों को आराम देता है।
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