लाल किले पर प्रदर्शनकारियों के झंडा फहराने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, कार्रवाई की मांग
नई दिल्ली। मुंबई के एक विधि छात्र ने मंगलवार को देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एसए बोबडे को पत्र लिखकर उनसे आग्रह किया कि गणतंत्र दिवस के दिन किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान यहां लाल किले में हुई हिंसा का वह स्वत: संज्ञान लें।
मुंबई विश्वविद्यालय के छात्र आशीष राय द्वारा लिखे गए पत्र में दावा किया गया है कि ट्रैक्टर परेड के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा आतंक फैलाया गया। पत्र में कहा गया है कि जिस प्रकार से लाल किले में भारत के राष्ट्रीय ध्वज के स्थान पर अन्य समुदाय के झंडे को लहराया गया, उससे देश के सम्मान और गरिमा को चोट पहुंची। इसमें दावा किया गया है कि इस दौरान बड़े पैमाने पर सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया।
पत्र में कहा गया है कि यह एक शर्मनाक घटना है और इस घटना से पूरा देश आहत हुआ है। इस घटना के कारण देश के संविधान के साथ ही राष्ट्रीय ध्वज का भी अपमान हुआ है। इस तरह के कृत्यों से भारतीय नागरिकों की संवैधानिक भावनाएं आहत होती हैं।
पत्र में अनुरोध किया गया है कि इस असंवैधानिक कृत्य में शामिल असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर जांच और आरोपियों को दंडित करने के लिए इस पूरे मामले में एक विशेष जांच समिति गठित की जाए। (भाषा)