ममता का कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पेश
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर गुरुवार को विधानसभा में एक प्रस्ताव रखा, वहीं सदन में भारी हंगामे के बाद भाजपा विधायकों ने वाकआउट कर दिया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र को इन तीनों कानूनों को वापस ले लेना चाहिए या सत्ता छोड़ देनी चाहिए। भाजपा के विधायकों के हंगामे के बीच संसदीय कार्यमंत्री पार्थ चटर्जी द्वारा प्रस्ताव रखने के बाद बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इन कानूनों को निरस्त करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।
चटर्जी द्वारा प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद विधानसभा में भारी हंगामा हुआ। भाजपा के विधायक दल के नेता मनोज तिग्गा के नेतृत्व में पार्टी के विधायक सदन में आसन के करीब पहुंच गए और दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस सरकार कानूनों के खिलाफ 'भ्रामक अभियान' चला रही है। बाद में 'जय श्रीराम' का उद्घोष करते हुए तिग्गा के साथ पार्टी के विधायक सदन से बाहर चले गए।
बनर्जी ने कहा कि हम किसान विरोधी कानूनों का विरोध करते हैं। हम इन्हें तुरंत वापस लिए जाने की मांग करते हैं। केंद्र को या तो तीनों कानूनों को वापस ले लेना चाहिए या सत्ता से हट जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली पुलिस किसानों की ट्रैक्टर परेड को सही तरीके से नियंत्रित नहीं कर पाई जिस कारण से गणतंत्र दिवस के दिन स्थिति हाथ से बाहर निकल गई। इसके लिए दिल्ली पुलिस को दोष देना चाहिए। दिल्ली पुलिस क्या कर रही थी? यह खुफिया तंत्र की नाकामी है। हम किसानों को गद्दार बताया जाना बर्दाश्त नहीं करेंगे। वे इस देश की संपत्ति हैं। (भाषा)