Diwali ke lal kitab ke upay: ज्योतिष की प्राचीन और प्रभावशाली शाखा 'लाल किताब' के अनुसार, दिवाली का दिन मां लक्ष्मी और धन के कारक ग्रह शुक्र को प्रसन्न करने का सर्वोत्तम समय होता है। यदि आपकी कुंडली में शुक्र कमजोर है या बुरे फल दे रहा है, तो दिवाली की रात किए गए ये विशेष उपाय आपके जीवन से आर्थिक तंगी, कर्ज और दरिद्रता को दूर कर अपार धन-संपदा के द्वार खोल सकते हैं।
ज्योतिषीय आधार:
शुक्र और माता लक्ष्मी का संबंध: लाल किताब की मान्यताओं के अनुसार, शुक्र ग्रह को धन, वैभव, ऐश्वर्य और भौतिक सुखों का कारक माना जाता है। देवी लक्ष्मी को शुक्र ग्रह की अधिपति देवी माना गया है।
समस्या: यदि आपकी कुंडली में शुक्र नीच का, कमजोर या 'मंद' (अशुभ फल देने वाला) है, तो यह जीवन में आर्थिक तंगी, अनावश्यक कर्ज, और दांपत्य जीवन में कलह का कारण बनता है। साथ ही, जातक को शुक्र से संबंधित रोग भी हो सकते हैं।
समाधान: दिवाली की रात किए गए ये विशिष्ट उपाय सीधे शुक्र को बल प्रदान करते हैं और माता लक्ष्मी की कृपा आकर्षित करते हैं, जिससे जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।
1. महालक्ष्मी मंदिर में कमल के फूल और दीप दान:
उपाय विधि: दिवाली की शाम को किसी भी महालक्ष्मी मंदिर में जाएँ। देवी लक्ष्मी को कमल के 11 फूल (या अपनी क्षमतानुसार) अर्पित करें। माँ लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति के सामने घी का नौ बत्तियों वाला दीपक जलाएँ। नौ बत्तियों का दीपक नौ ग्रहों के शुभ प्रभाव को सक्रिय करता है, जबकि कमल के फूल मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय हैं।
लाभ: यह उपाय कर्ज मुक्ति और स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए किया जाता है। इससे कर्ज से मुक्ति मिलती है और माता लक्ष्मी की स्थायी कृपा प्राप्त होती है।
2. दरिद्रता दूर करने के लिए झाड़ू का दान:-
उपाय विधि: दीपावली के दिन किसी भी धार्मिक स्थल (मंदिर, गुरुद्वारा आदि) में नई झाड़ू का गुप्त दान करें।
लाभ: यह उपाय नकारात्मकता और दरिद्रता को घर से बाहर निकालने के लिए किया जाता है। झाड़ू को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसका दान करने से घर की दरिद्रता दूर होती है और माँ लक्ष्मी का स्थायी निवास होता है।
3. सुगंधित अगरबत्ती का गुप्त दान:-
उपाय विधि: यदि आपके घर के आस-पास महालक्ष्मी का मंदिर या कोई धार्मिक स्थल हो, तो वहाँ गुलाब की सुगंध वाली अगरबत्ती (या धूप) का दान करें।
लाभ: यह उपाय शुक्र की शुभता और देवी लक्ष्मी को आकर्षित करने के लिए है। गुलाब की सुगंध शुक्र ग्रह से जुड़ी है। इसे दान करने से शुक्र मजबूत होता है और आपके घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
4. जटायुक्त नारियल से जल प्रवाह (बुरे प्रभाव को दूर करना):
उपाय विधि: एक मिट्टी का घड़ा लें और उस पर लाल रंग करें। घड़े के मुख पर लाल रंग का धागा या मौली बाँधें। इसके अंदर जटायुक्त नारियल (पानी वाला) रखें। इस घड़े को दिवाली की रात या अगले दिन (दिन के समय) बहते हुए जल (नदी या नहर) में प्रवाहित कर दें।
लाभ: यह उपाय विशेष रूप से नकारात्मक ऊर्जाओं और मंदे शुक्र के बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए किया जाता है। यह क्रिया आपके घर से नकारात्मकता, आर्थिक रुकावटों और दुर्भाग्य को बहा ले जाती है।
5. पीपल की पूजा (ग्रहों की शांति और स्थिर धन):
उपाय विधि: पीपल के पेड़ के नीचे किसी लोहे के बर्तन में पानी, शक्कर, घी और दूध मिलाकर जड़ में चढ़ाएँ। वहाँ घी का दीपक जलाएँ और सुगंधित अगरबत्ती भी लगाएँ।
लाभ: पीपल के पेड़ में सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता है, यह उपाय सभी ग्रहों को शांत करता है। यह उपाय विशेष रूप से शनि, शुक्र और गुरु को मजबूत करता है, जिससे जीवन में स्थिर धन और सौभाग्य आता है।
6. पशु-पक्षियों को भोजन और वस्त्र दान:
उपाय विधि: किसी गरीब व्यक्ति को सफेद वस्त्र (जैसे शर्ट या साड़ी) दान करें। अपने भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे और कुत्ते को अवश्य दें।
लाभ: यह उपाय संकटों को दूर करने और पुण्य प्राप्त करने के लिए है। यह उपाय आपके जीवन में चले आ रहे सभी संकटों और दुर्भाग्य को दूर करता है और आपको पितरों एवं प्रकृति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
7. पीली कौड़ी का तिजोरी में स्थापन (धन का आकर्षण):
उपाय विधि: दिवाली की रात, जब आप देवी लक्ष्मी की पूजा करें, तो उनकी पूजा में कुछ पीली कौड़ियाँ (5, 7 या 11) भी रख दें। अगले दिन पूजा समाप्त होने के बाद, इन कौड़ियों को उठाकर एक लाल कपड़े में बाँध लें। इस बंधी हुई कौड़ी को अपने तिजोरी, कैश बॉक्स या धन रखने के स्थान पर रख दें।
लाभ: यह उपाय सीधा धन को आकर्षित करने और तिजोरी को भरने के लिए सबसे शक्तिशाली माना जाता है। पीली कौड़ी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। तिजोरी में इसे रखने से धन का प्रवाह बना रहता है और तिजोरी कभी खाली नहीं होती।
अस्वीकरण: ज्योतिष और लाल किताब के उपाय केवल लोकमान्यताओं और प्राचीन परंपराओं पर आधारित हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श लेना उचित हो सकता है।