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Last Updated : बुधवार, 30 जून 2021 (23:14 IST)

सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव से एलोपैथी पर अपने बयान का मूल रिकॉर्ड पेश करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव से एलोपैथी पर अपने बयान का मूल रिकॉर्ड पेश करने को कहा - Supreme Court asks Ramdev to produce original record of his statement on allopathy
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को योग गुरु बाबा रामदेव से कहा कि वह कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 महामारी के दौरान एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल पर अपने बयान का मूल रिकॉर्ड पेश करें।

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने योग गुरु की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से पूछा, असल में उन्होंने क्या कहा था? आपने सारी बातें पेश नहीं की हैं। रोहतगी ने पीठ को बताया कि वह प्रतिलिपि के साथ मूल वीडियो पेश करेंगे।

पीठ ने कहा, याचिकाकर्ता स्वामी रामदेव की ओर से पेश वरिष्ठ वकील को कुछ समय के लिए सुना। याचिकाकर्ता की ओर से पेश ‘एडवोकेट ऑन रिकार्ड’ को मामले में अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है। इसी के साथ पीठ ने सुनवाई पांच जुलाई के लिए स्थगित कर दी।

न्यायालय रामदेव की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कोविड-19 महामारी के दौरान एलोपैथिक दवा के इस्तेमाल के खिलाफ उनकी टिप्पणियों पर बिहार तथा छत्तीसगढ़ में भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज कराई कई प्राथमिकी के संबंध में कार्यवाही पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है।

आईएमए की पटना और रायपुर इकाई ने योग गुरु रामदेव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि कोविड-19 नियंत्रण प्रक्रिया में उनकी टिप्पणियों से पूर्वाग्रह की स्थिति उत्पन्न हो सकती है और यह लोगों को महामारी के खिलाफ उचित इलाज के प्रति हतोत्साहित कर सकती है।

रामदेव ने अपनी याचिका में पटना तथा रायपुर में दर्ज प्राथमिकी को दिल्ली स्थानांतरित करने का भी अनुरोध किया है। वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई के दौरान रोहतगी ने पीठ से कहा कि रामदेव एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और योग तथा आयुर्वेद के समर्थक हैं। उन्होंने कहा कि एक कार्यक्रम के दौरान रामदेव ने व्हाट्सऐप पर आए एक संदेश को पढ़ा था, जो उन्हें भेजा गया था।

रोहतगी ने कहा कि रामदेव ने स्पष्ट किया है कि उनके दिल में डॉक्टरों तथा किसी के भी खिलाफ कुछ नहीं है। अलग-अलग स्थानों पर उनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की गई हैं। इन शिकायतों को दिल्ली स्थानांतरित किया जाए।
रोहतगी ने कहा कि पिछले साल जब पतंजलि ‘कोरोनिल’ लेकर आई थी तो एलोपैथिक डॉक्टर उनके खिलाफ हो गए थे। उन्होंने कहा, वह (रामदेव) उनके खिलाफ नहीं हैं। उन्हें इतनी सारी जगहों पर क्यों जाना चाहिए। हर किसी को बोलने की आजादी है। योग गुरु पर भारतीय दंड संहिता और आपदा प्रबंधन कानून, 2005 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि बाबा रामदेव के बयान से देश में एलोपैथी बनाम आयुर्वेद की बहस शुरू हो गई थी। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा टिप्पणी को ‘अनुचित’ करार दिए जाने और पत्र लिखने के बाद रामदेव ने 23 मई को अपना बयान वापस ले लिया था।

रामदेव ने मामले में दर्ज प्राथमिकी को एक साथ मिलाकर दिल्ली स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही उन्होंने न्यायालय से अंतरिम राहत के तौर पर आपराधिक शिकायतों की जांच पर रोक लगाने का भी अनुरोध किया है।(भाषा)