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Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 5 नवंबर 2025 (14:31 IST)

आज कोई भी देश अकेले सुरक्षित नहीं... आर्मी चीफ द्विवेदी ने क्‍यों दिया यह बयान

Army Chief General Upendra Dwivedi
Army Chief General Upendra Dwivedi News : थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि आज दुनिया में कई तरह के खतरे हैं। आर्मी चीफ ने कहा कि आज के जटिल खतरों के दौर में कोई भी देश अकेले सुरक्षित नहीं रह सकता। जनरल द्विवेदी ने कहा कि रणनीतिक साझेदारी एक अवसर का पुल है। जनरल द्विवेदी ने कहा कि भविष्य की सफलता के लिए अकादमिक, उद्योग और सेना की त्रिकोणीय साझेदारी जरूरी है। अनुसंधान एवं विकास हमें यह सिखाता है कि हम क्या बना सकते हैं, जबकि रणनीतिक साझेदारी हमें यह बताती है कि हम क्या प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए ब्रह्मोस मिसाइल और के9 वज्र तोप को साझा नवाचार की सफलता बताया। उन्होंने साझा रक्षा नवाचार को सबसे मजबूत ढाल बताया।

खबरों के अनुसार, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि आज के जटिल खतरों के दौर में कोई भी देश अकेले सुरक्षित नहीं रह सकता। जनरल द्विवेदी ने कहा कि रणनीतिक साझेदारी एक अवसर का पुल है। जनरल द्विवेदी ने कहा कि भविष्य की सफलता के लिए अकादमिक, उद्योग और सेना की त्रिकोणीय साझेदारी जरूरी है। अनुसंधान एवं विकास हमें यह सिखाता है कि हम क्या बना सकते हैं, जबकि रणनीतिक साझेदारी हमें यह बताती है कि हम क्या प्राप्त कर सकते हैं।
थलसेना प्रमुख ने उदाहरण देते हुए ब्रह्मोस मिसाइल और के9 वज्र तोप को साझा नवाचार की सफलता बताया। उन्होंने साझा रक्षा नवाचार को सबसे मजबूत ढाल बताया। उन्होंने यह बात इंडिया डिफेंस कॉन्क्लेव 2025 में कही।

वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों, रक्षा विशेषज्ञों, उद्योग प्रतिनिधियों की भागीदारी वाले सम्मेलन को संबोधित करते हुए अपने 20 मिनट के संबोधन में उन्होंने युद्ध की बदलती प्रकृति, दक्षता विकास, रक्षा अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) में निवेश और उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने खड़गा कोर का दौरा किया। सेनाध्यक्ष का यह दौरा न केवल कोर की तैयारियों का मूल्यांकन था, बल्कि यह सैनिकों के उत्साहवर्धन और भारतीय थलसेना की सतत आधुनिकीकरण प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

थलसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि खड़गा कोर द्वारा मिलिट्री-सिविल फ्यूजन को प्रोत्साहन देकर सस्टेनेबल सिक्योरिटी की दिशा में उल्लेखनीय योगदान दिया जा रहा है। आर्मी चीफ ने कहा कि आधुनिक युद्धों के तौर तरीके व तकनीक लगातार बदल रही है। अब पारंपरिक युद्धों की भांति जंग केवल बंदूक व तोपों तक सीमित नहीं रह गई है।
आर्मी चीफ ने कहा कि आज के युद्धों में ड्रोन व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। इसके अलावा रोबोट और डेटा वॉरफेयर ने भी इन्फैंट्री को नई दिशा दी है। जनरल द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद मिली आर्थिक सशक्तता ने सेना को विकास और नए उपकरणों की तैनाती में अधिक लचीलापन दिया है। जनरल द्विवेदी ने कहा कि किसी भी अनुसंधान प्रयास की असली चुनौती शून्य से एक तक पहुंचने में होती है।
थलसेना प्रमुख ने कहा कि एक बार यह उपलब्धि हासिल हो जाए तो फिर एक से सौ तक पहुंचना आसान होता है। उन्होंने बताया कि सैनिकों की संख्या स्थिर रहेगी, लेकिन तकनीक के बेहतर उपयोग से उनकी दक्षता 1.5 से दो गुना बढ़ाई जाएगी। आज युद्ध केवल सीमाओं तक सीमित नहीं है। अब संघर्ष का रूप इतना तरल हो चुका है कि यह सीमाओं, क्षेत्रों या मैदानों में बंधा नहीं है।
Edited By : Chetan Gour
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