चंडीगढ़। नीति आयोग ने हरियाणा के लोगों को सुझाव दिया है कि आने वाले त्योहारी मौसम में वे समारोहों को अपने घरों में ही मनाएं अन्यथा कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 मामले बढ़ने का डर है। आयोग के अनुसार, भीड़ के कारण कोविड के मामले अचानक बढ़ सकते हैं। ओणम त्योहार के तुरंत बाद केरल जैसे राज्यों में कोविड मामलों में अचानक वृद्धि हुई है।
यह जानकारी नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद के. पॉल की अध्यक्षता में आयोजित हुई कोविड-19 की समीक्षा बैठक में सामने आई। उन्होंने कहा है कि केरल, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में अचानक वृद्धि देखने को मिली और वैश्विक स्तर पर संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में लोग आत्मसंतुष्ट हुए हैं। इस प्रकार, कोविड नियमों की पालना ही कोविड संक्रमण को फैलने से रोकने तथा अनुमानित तीसरी लहर को रोकने का एकमात्र रास्ता है।
उन्होंने कहा कि आने वाले त्योहारों जैसे जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, दशहरा और दिवाली के दौरान लोगों को मौज-मस्ती में शामिल नहीं होना चाहिए और वायरस के फैलने को रोकने के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सुझाव दिया कि कोविड-19 की दूसरी लहर के पीक अवधि को मानकर आने वाली संभावित तीसरी लहर को रोकने के लिए यह आवश्यक है कि बैडस, वेंटिलेटर, दवाओं, ऑक्सीजन इत्यादि की उपलब्धता का आकलन किया जाए।
उनके अनुसार त्योहारी सीजन से तीन सप्ताह पहले राज्य में पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि करने की आवश्यकता है, यहां तक कि राज्यों के अत्यंत दूरदराज के क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाया जाए। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि इस कार्य के लिए एक व्यापक योजना तैयार की जाए और इसका प्रभावी कार्यान्वयन सूक्ष्म स्तर पर हो ताकि संभावित तीसरी लहर को रोका जा सके।
उन्हें बताया कि हरियाणा में अब तक कोविड के 1.59 करोड़ (1,59,25,647) टीके लगाए गए हैं, जिनमें से 1.19 करोड़ लोगों को पहली खुराक मिल चुकी है और 39.60 लाख लोगों को दूसरी खुराक लगनी है। उन्होंने राज्य में चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान की गति की सराहना की।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, जो वर्तमान में पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में उपचाराधीन हैं, ने वीडियो कॉल के माध्यम से डॉ. विनोद के. पॉल से बात की और कोविड संभावित तीसरी लहर को रोकने की तैयारियों पर चर्चा की। बैठक में ऑक्सीजन की उपलब्धता के संबंध में यह बात सामने आई कि पीएसए प्लांट स्थापित करने के लिए देश को तीन जोनों- रेड जोन, यलो जोन और ग्रीन जोन में बांटा गया है और हरियाणा को ग्रीन जोन में रखा गया है।
हरियाणा सरकार के पीएसए प्लांट स्थापित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए डॉ. पॉल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 40 प्लांटों में से 38 पीएसए प्लांटों में ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है तथा 26 ऐसे प्लांट पूर्णत: संचालित हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने डॉ. पॉल को संभावित तीसरी लहर को रोकने के लिए प्रदेश द्वारा की जा रही तैयारियों से अवगत कराया। बैठक में मुख्य सचिव विजय वर्धन भी डॉ. पॉल के साथ विडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े।
इस अवसर पर वन एवं वन्य जीव विभाग की प्रधान सचिव, डॉ. जी. अनुपमा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हरियाणा के मिशन निदेशक प्रभजोत सिंह, महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. वीना सिंह और जिलों के सिविल सर्जन भी मौजूद थे।(वार्ता)