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Last Updated : शनिवार, 12 सितम्बर 2020 (17:12 IST)

कोरोना काल में पीएम आवास योजना के तहत घर निर्माण में लगे सिर्फ 45 से 60 दिन : मोदी

कोरोना काल में पीएम आवास योजना के तहत घर निर्माण में लगे सिर्फ 45 से 60 दिन : मोदी - Home construction took 45 to 60 days under PM Awas Yojana
भोपाल। देश में प्रत्‍येक बेघर को घर देने का वादा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सामान्य तौर पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर बनाने में औसतन 125 दिन का समय लगता है, लेकिन कोरोनावायरस  (Coronavirus) काल में प्रवासी मजदूरों के शहरों से अपने गांव आने के कारण गृह निर्माण में केवल 45 से 60 दिन का समय लगा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपदा को अवसर में बदलने का यह बहुत ही उत्तम उदाहरण है।

प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश के 12,000 गांवों में निर्मित 1.75 लाख आवासों का लोकार्पण कर हितग्राहियों के गृह प्रवेश के ऑनलाइन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने यह बात कही। प्रधानमंत्री ने कहा, आज मध्य प्रदेश में सामूहिक गृह प्रवेश का यह समारोह पौने दो लाख गरीब परिवारों के लिए तो अपने जीवन का यादगार क्षण है ही, देश के हर बेघर को पक्का घर देने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। आज का यह कार्यक्रम मध्य प्रदेश सहित देश के सभी बेघर साथियों को एक विश्वास देने वाला पल है।

उन्होंने कहा, जिनका अब तक घर नहीं, एक दिन उनका भी घर बनेगा। उनका भी सपना पूरा होगा। मोदी ने कहा कि आज का दिन करोड़ों देशवासियों के उस विश्वास को भी मजबूत करता है कि सही नीयत से बनाई गई सरकारी योजनाएं साकार भी होती हैं और लाभार्थियों तक पहुंचती भी हैं।

उन्होंने कहा, जिन साथियों को आज अपना घर मिला है उनके भीतर के संतोष एवं आत्मविश्वास को मैं अनुभव कर सकता हूं। मैं आप सभी साथियों से यही कहूंगा यह घर आपके बेहतर भविष्य का नया आधार है। यहां से आप अपने नए जीवन की नई शुरुआत कीजिए। आप आगे बढ़ेंगे तो देश भी आगे बढ़ेगा।

मोदी ने कहा, साथियों, कोरोनावायरस के काल में तमाम रूकावटों के बीच भी देशभर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख घरों का काम पूरा किया गया है। इनमें 1.75 लाख घर अकेले मध्य प्रदेश में ही पूरे किए गए हैं। इस दौरान जिस गति से काम हुआ वो भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

उन्होंने कहा, सामान्य तौर पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर बनाने में औसतन 125 दिन का समय लगता है, लेकिन अब जो मैं बताने जा रहा हूं वह बहुत सकारात्मक खबर है। इन घरों को सिर्फ 45 से 60 दिन में ही बनाकर तैयार कर दिया गया है। मोदी ने कहा, आपदा को अवसर में बदलने का यह बहुत ही उत्तम उदाहरण है।

उन्होंने कहा, आप सोचेंगे कि यह कैसे संभव हुआ? साथियों, इस तेजी में बहुत बड़ा योगदान रहा, शहरों से जो हमारे सभी भाई-बहन लौटे हैं, उनके पास हुनर भी था, इच्छाशक्ति भी थी और वो इसमें जुड़ गए और इसके कारण यह परिणाम मिला है। मोदी ने कहा कि हमारे साथियों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना अभियान का पूरा लाभ उठाते हुए अपने परिवार को संभाला और साथ-साथ अपने गरीब भाई-बहनों के लिए घर भी तैयार करके दे दिए।

उन्होंने कहा कि मुझे संतोष है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना अभियान से मध्य प्रदेश सहित देश के अनेक राज्यों में करीब-करीब 23,000 करोड़ रुपए के काम पूरे किए जा चुके हैं। मोदी ने कहा कि इस अभियान के तहत गांव-गांव में गरीबों के लिए घर तो बन ही रहे हैं, इसके अलावा हर घर में जल पहुंचाने का काम हो, आंगनवाड़ी और पंचायत के भवनों का निर्माण हो, पशुओं के लिए शेड बनाना हो, तालाब एवं कुएं बनाना हो, ग्रामीण सड़कों का काम समेत गांव के विकास से जुड़े अनेक काम तेजी से किए गए।

उन्होंने कहा कि इससे दो फायदे हुए हैं। एक तो कोरोनावायरस काल में शहरों से गांव लौटे लाखों श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध हुआ है और दूसरा ईंट, सीमेंट, रेत और निर्माण से जुड़े दूसरे सामान का जो कारोबार करते हैं उनकी भी बिक्री हुई है।

मोदी ने कहा कि एक प्रकार से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान इस मुश्किल समय में गांव की अर्थव्यवस्था का भी बहुत बड़ा सहारा बनकर उभरा है। इससे बहुत बड़ी ताकत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हो रहे कार्यों से मिल रही है।

उन्होंने कहा, साथियों, मुझसे कई बार लोग पूछते हैं कि लेकिन घर तो देश में पहले भी बनते थे, सरकार की योजनाओं के तहत बनते थे,फिर आपने बदलाव क्या किया? ये सही है कि गरीबों के लिए घर बनाने के लिए देश में दशकों पहले से योजनाएं चली आ रही हैं, बल्कि आजादी के बाद के पहले दशक से ही सामूहिक विकास कार्यक्रम के तहत ये काम शुरु हो गया। लेकिन करोड़ों गरीब लोगों को जो घर देने का लक्ष्य था, जो एक गरिमापूर्ण जीवन देने का लक्ष्य था, वो पूरा ही नहीं हो पाया।

मोदी ने कहा, इसका कारण ये था कि पहले जितनी योजनाएं बनी थीं, उनमें सरकार हावी थी, सरकार का दखल बहुत ज्यादा था, उन योजनाओं में मकान के जुड़ी हर बात का फैसला सरकार और वो भी दिल्ली से होता था, जिसको उस घर में रहना था उसको कोई पूछता ही नहीं था।

उन्होंने कहा कि तब शहरों की ही तर्ज पर आदिवासी क्षेत्रों में भी कॉलोनी सिस्टम थोपने की कोशिश होती थी। इसलिए सरकार के बनाए घरों में उनको वो अपनापन कभी नहीं लगता था। इतना ही नहीं, पहले की योजनाओं में पारदर्शिता की भी भारी कमी थी। कई तरह की गड़बड़ियां होतीं थीं। मैं उनके विस्तार में नहीं जाना चाहता।

उन्होंने कहा, साथियों वर्ष 2014 में हमने जब से कार्य संभाला, इन पुराने अनुभवों का अध्ययन करके पहले पुरानी योजना में सुधार किया गया और फिर प्रधानमंत्री आवास योजना के रूप में बिलकुल नई सोच के साथ योजना लागू की गई। इसमें लाभार्थी के चयन से लेकर गृह प्रवेश तक में पारदर्शिता को प्राथमिकता दी गई।

मोदी ने कहा, पहले गरीब सरकार के पीछे दौड़ता था। सिफारिश के लिए लोगों को ढूंढता था। आज सारी योजनाएं ऐसी हैं कि सरकार को लोगों के पास जाना होता है, खोजना होता है और सुविधा देनी होती है। अब किसी की इच्छा के अनुसार लिस्ट में नाम न जोड़ा जा सकता है और न घटाया जा सकता है। चयन से लेकर निर्माण तक वैज्ञानिक और पारदर्शी तरीका अपनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, मटेरियल से लेकर निर्माण तक स्थानीय स्तर पर पाए जाने वाले सामान को भी प्राथमिकता दी जा रही है। घर के डिजाइन भी स्थानीय जरूरतों और निर्माण शैली के मुताबिक ही तैयार और स्वीकार किए जा रहे हैं।

मोदी ने कहा कि अब अगर कोई बेइमानी करने की कुछ कोशिश करता है तो इसमें पकड़े जाने के लिए अनेक रास्ते भी बनाए गए हैं। उन्होंने कहा,प्रधानमंत्री आवास योजना की एक बहुत बड़ी विशेषता है उसका इंद्रधनुषी स्वरूप। जैसे इंद्रधनुष में अलग-अलग रंग होते हैं, वैसे ही इस योजना के तहत बनने वाले घरों के भी अपने ही रंग हैं।
उन्होंने कहा, अब गरीब को सिर्फ घर ही नहीं मिल रहा है, बल्कि घर के साथ-साथ शौचालय, उज्जवला गैस कनेक्शन, सौभाग्य योजना का बिजली कनेक्शन, उजाला का एलईडी बल्ब, पानी का कनेक्शन एवं सब कुछ घर के साथ ही मिल रहा है यानी पीएम आवास योजना के आधार पर ही अनेक योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को सीधे मिले, ये देखा जा रहा है।(भाषा)
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