रेहड़ी-ठेले वाले भी भोजन की ऑनलाइन डिलीवरी कर पाएंगे : प्रधानमंत्री मोदी
भोपाल/ नई दिल्ली। प्रधामनंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि सड़कों पर खाने-पीने का व्यवसाय करने वाले ‘स्ट्रीट फूड वेंडर’ को ऑनलाइन प्लेटफार्म देने की एक योजना बनाई गई है जिससे बड़े-बड़े रेस्टोरेंट की तरह ही वे भी अपने ग्राहकों को भोजन की ऑनलाइन डिलीवरी कर पाएं।
स्वनिधि योजना में मध्य प्रदेश के लाभान्वित हितग्राहियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीधे संवाद करते हुए मोदी ने यह भी कहा कि देश में पिछले छह साल में गरीबों के लिए जितना काम हुआ है, उतना पहले कभी नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि अब ग्राहक नकद पैसे लेने-देने से बचते हैं और सीधे मोबाइल से ही भुगतान करते हैं। इसलिए रेहड़ी-पटरी वाले साथी इस डिजिटल दुकानदारी में बिलकुल पीछे न रहें और वे इसे कर सकते हैं। उन्होंने कहा, बीते तीन-चार साल के दौरान देश में डिजिटल लेनदेन का चलन बड़ी तेजी से बढ़ है। कोरोना काल में हम सब महसूस भी कर रहे हैं कि यह कितना जरूरी है।
जैविक खाद में खुद उगाए गए सब्जियों को ठेले पर बेचने वाले मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के ढालचंद कुशवाह का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, हमारे कुशवाह जी के ठेले पर हमने देखा, उन्होंने क्यू आर कोड लगाकर रखा हुआ है। यह बड़े-बड़े मॉल में भी नहीं होता है।
उन्होंने कहा कि हमारा गरीब आदमी हर नई चीज सीखने को तैयार होता है और इसके लिए बैंकों के डिजिटल पेमेंट देने की सुविधा देने वालों के साथ मिलकर एक नई शुरुआत की है। मोदी ने कहा, अब बैंकों और संस्थाओं के प्रतिनिधि आपके पते पर आएंगे, आपके रेहड़ी-ठेले पर आएंगे और क्यू आर कोड देंगे। उसका उपयोग कैसे करना है, ये भी आपको बताएंगे और सिखाएंगे।
उन्होंने कहा, मैं अपने रेहड़ी पटरी वाले साथियों से अपील करता हूं कि वे अपना ज्यादा से ज्यादा लेनदेन डिजिटल तरीके से करें और पूरी दुनिया के सामने एक नया उदाहरण प्रस्तुत करें। मोदी ने आगे कहा, टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए हमारे जो खाने-पीने का व्यवसाय करने वाले साथी हैं, जिसको हम ‘स्ट्रीट फूट वेंडर’ भी कहते हैं, उनको ऑनलाइन प्लेटफार्म देने की योजना भी बनाई गई है यानी बड़े-बड़े रेस्टोरेंट की तरह ही रेहड़ी-ठेले वाले भी अपने ग्राहकों को ऑनलाइन डिलीवरी कर पाएंगे।
इस प्रकार की सुविधा देने का प्रयास चल रहा है और थोड़े ही दिन में आप लोग जरूर आगे आएंगे। इसको हम और आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इस प्रकार की कोशिशों से रेहड़ी, पटरी, ठेले, फेरीवालों का कामकाज और बढ़ेगा। उनकी कमाई और बढ़ेगी।
उन्होंने कहा, हमारे देश में गरीबों की बात तो बहुत हुई है, लेकिन गरीबों के लिए जितना काम पिछले छह साल में हुआ है, उतना पहले कभी नहीं हुआ। हर वह क्षेत्र, हर वह सेक्टर जहां गरीब, पीड़ित, शोषित और वंचित अभाव में था, सरकार की योजनाएं उसका संबल बनकर आईं।
कोविड-19 महामारी से प्रभावित रेहड़ी पटरी वालों को पुन: आजीविका से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने ‘प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना’ की शुरुआत की है।
मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का मकसद है कि रेहड़ी पटरी वाले लोग नई-शुरुआत कर सकें, अपना काम फिर शुरू कर सकें, इसके लिए उन्हें आसानी से पूंजी मिल सके तथा उन्हें अधिक ब्याज देकर पूंजी न लेनी पड़े।
उन्होंने कहा, इस योजना में तकनीक के माध्यम से ऐसी व्यवस्था की गई है कि रेहड़ी पटरी वाले साथियों को कागज जमा कराने के लिए लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ेगी। आप कॉमन सर्विस सेंटर, नगर पालिका कार्यालय या बैंक में जाकर अपना आवेदन कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि ‘स्वनिधि योजना’ से जुड़ने वाले रेहड़ी-पटरी वाले लोग का जीवन आसान बन सके और उन्हें मूलभूत सुविधाएं मिल सकें।
उन्होंने कहा, रेहड़ी-पटरी या ठेला लगाने वाले भाई-बहनों के पास उज्ज्वला का गैस कनेक्शन है या नहीं, उनके घर बिजली कनेक्शन है या नहीं, वे आयुष्मान भारत योजना से जुड़े हैं या नहीं, उन्हें बीमा योजना का लाभ मिल रहा है या नहीं, उनके पास पक्की छत है या नहीं, ये सभी बातें देखी जाएंगी।
उन्होंने कहा, जिस-जिस के पास ये सब नहीं होगा, उनके लिए प्राथमिकता के आधार पर काम किया जाएगा। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि देश का गरीब कागजों के डर से पहले बैंक में जाता तक नहीं था, लेकिन अब जनधन योजना के माध्यम से 40 करोड़ से अधिक लोगों के बैंक खाते खुलवाए गए हैं तो उन्हें आसानी से ऋण, आवास योजना का लाभ और आर्थिक मदद मिल रही है।(भाषा)